पूर्व उत्पाद आयुक्त अमीत कुमार को एसीबी ने भेजा नोटिस, लिखा-उपस्थित नहीं होने पर होगी गिरफ्तारी
शराब घोटाला मामले में एसीबी ने पूर्व उत्पाद आयुक्त अमीत कुमार को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। उन्हें 5 दिसंबर को एसीबी मुख्यालय में उपस्थित होने के लि ...और पढ़ें

शराब घोटाला में आइएएस अमीत कुमार को एसीबी ने पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है।
राज्य ब्यूरो, रांची। शराब घोटाला मामले की जांच कर रही एसीबी ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व आयुक्त उत्पाद सह झारखंड स्टेट बेवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के प्रबंध निदेशक अमीत कुमार को एसीबी ने पूछताछ के लिए गुरुवार को नोटिस भेजा है।
उन्हें पांच दिसंबर को एसीबी मुख्यालय में जांच अधिकारी के सामने उपस्थित होने के लिए कहा गया है। एसीबी के डीएसपी सह शराब घोटाला मामले में एसीबी थाना कांड संख्या 09/2025 में दर्ज प्राथमिकी के अनुसंधानकर्ता संतोष कुमार ने यह नोटिस भेजा है।
उन्होंने अपनी नोटिस में आइएएस अधिकारी अमीत कुमार को पांच दिसंबर को दिन के 11 बजे एसी मुख्यालय में बुलाया है। नोटिस में यह भी लिखा हुआ है कि यदि वे नोटिस का पालन नहीं करते हैं, बिना किसी उचित कारण के उपस्थित नहीं होते हैं तो उनके विरुद्ध बीएनएसएस के प्रविधानों के अंतर्गत गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा सकती है।
पूर्व आयुक्त उत्पाद अमीत कुमार वर्तमान में झारखंड के वाणिज्य कर आयुक्त हैं। वे उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में चार अगस्त 2021 से 10 जुलाई 2022 तक आयुक्त उत्पाद के पद पर पदस्थापित थे।
उस वक्त विभाग के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे थे। इन्हीं के कार्यकाल में एक मई 2022 से राज्य में छत्तीसगढ़ माडल के तहत उत्पाद नीति लागू हुई थी। शराब की खुदरा बिक्री भी जेएसबीसीएल के माध्यम से शुरू हुई थी, जिसमें प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से मैनपावर की आपूर्ति कराई गई थी।
पूर्व में भी एसीबी के सामने अपना बयान दर्ज करा चुके हैं आइएएस अमीत कुमार
आइएएस अमीत कुमार ने वाणिज्य कर विभाग के सचिव से पत्राचार कर इस नोटिस से अवगत कराया है। उन्होंने बताया है कि सात अगस्त को भी उन्होंने एसीबी के अनुसंधान पदाधिकारी को दूरभाष पर अपना बयान दर्ज कराया था और उनके प्रश्नों के संदर्भ में वांछित सूचनाएं दी थी व सहयोग किया था
। उत्पाद विभाग में भ्रष्टाचार के जिस मामले की एसीबी जांच कर रही है, वह उनके पदस्थापन कार्यकाल अवधि के समाप्त होने के लगभग एक वर्ष बाद का है। उन्होंने वाणिज्यकर सचिव से एसीबी के सामने उपस्थित होने की अनुमति मांगी है।

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