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    आखिर क्या है बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास की मुलाकात के मायने? सियासी हलचल तेज

    Updated: Sun, 22 Jun 2025 07:47 PM (IST)

    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की दुमका में हुई मुलाकात को पार्टी की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। केंद्रीय गृह ...और पढ़ें

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    दुमका परिसदन में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से बाबूलाल मरांडी ने की मुलाकात। (एक्स)

    दिव्यांशु, रांची। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी की पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से रविवार को दुमका में मुलाकात हुई। दोनों दुमका परिसदन में ठहरे थे तो ऐसे में यह मुलाकात स्वाभाविक भी लग सकती है। लेकिन भाजपा की राजनीति में सक्रिय लोग इसे संयोग नहीं बल्कि प्रयोग मान रहे हैं।

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    सप्ताह भर पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने बाबूलाल मरांडी दिल्ली गए थे। उसी दिन पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर आदिवासी परंपरा को सम्मान देने के लिए राज्य में पेसा लागू करने की मांग कर दी।

    रघुवर की पेसा मामले में सक्रियता के बाद कांग्रेस पार्टी ने भी इसे लेकर विमर्श प्रारंभ कर दिया है। बताया जा रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह से बाबूलाल मरांडी से राज्य में रघुवर दास की सक्रियता को संगठन से जोड़ने का निर्देश दिया।

    विधानसभा चुनाव में मिली पराजय और प्रमुख नेताओं के चुनाव हारने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के पास कोई ऐसा नेता नहीं है जो आक्रामक तरीके से पार्टी की बात रख पाए। बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, चम्पाई सोरेन सौम्य राजनीति के लिए जाने जाते हैं।

    ऐसे में रघुवर दास को सक्रिय करने के लिए अमित शाह और केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष को मनाया और उसके बाद दुमका की यह मुलाकात हुई। दोनों ही नेताओं ने इस मुलाकात की जानकारी इंटरनेट मीडिया पर देते हुए लिखा कि इसमें संगठन के बारे में चर्चा हुई।

    रांची दौरे में अमित शाह देखेंगे मुलाकात का असर

    10 जुलाई को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पूर्वी क्षेत्र परिषद की बैठक में शामिल होने रांची आ रहे हैं। रांची दौरे में अमित शाह भाजपा नेताओं से मिलेंगे। इसमें प्रदेश भाजपा आने वाले एक साल के लिए कार्यक्रम का प्रजेंटेशन अमित शाह के सामने रखेगी।

    आदिवासी राजनीति के साथ भाजपा के ओबीसी और सामान्य मतदाताओं के बीच आउटरीच कार्यक्रम की इसमें जानकारी दी जाएगी। अमित शाह के दौरे के आसपास ही झारखंड भाजपा को प्रदेश अध्यक्ष भी मिलना है।

    ऐसे में अमित शाह रघुवर दास की सक्रियता और बाबूलाल मरांडी की रणनीति का भाजपा की राजनीति पर होने वाले असर से भी परिचित होंगे।