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    झारखंड के 150 ब्लाक में मनरेगा का प्रदर्शन खराब, मानव दिवस सृजन को चलेगा विशेष अभियान

    By Sujeet Kumar SumanEdited By:
    Updated: Mon, 20 Sep 2021 07:11 AM (IST)

    MGNREGA Jharkhand MGNREGA Job Hindi News झारखंड में पिछले दो माह में मानव दिवस के सृजन में आई गिरावट से ग्रामीण विकास विभाग ने सबक लिया है। महिलाओं अन ...और पढ़ें

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    MGNREGA Jharkhand, MGNREGA Job झारखंड में पिछले दो माह में मनरेगा में मानव दिवस के सृजन में गिरावट आई है।

    रांची, [आनंद मिश्र]। झारखंड में मनरेगा के तहत चलाई जा रही योजनाओं में 150 ब्लाक ऐसे रहे हैं, जहां योजनाओं के क्रियान्वयन की गति खासी सुस्त रही। मानव कार्य दिवस भी कम सृजित हुए। अब ग्रामीण विकास विभाग ने ऐसे ब्लाक को चिन्हित कर यहां विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इन प्रखंडों में विशेष अभियान चलाकर न सिर्फ परिसंपत्तियों का सृजन किया जाएगा, बल्कि इस वित्तीय वर्ष के तय लक्ष्य से अधिक हासिल करने की भी कोशिशें होंगी।

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    योजना का खाका तैयार कर लिया गया है, एक-दो दिनों में इसे लांच किया जाएगा। पिछले साल आपदा की स्थिति में करीब 11 करोड़ मानव दिवस का सृजन कर मुश्किल वक्त में मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को रोजगार दिया गया था। वहीं, इस वर्ष पिछले दो माह के परिणाम खासा निराशाजनक रहे हैं। जुलाई में महज 65 लाख और अगस्त में 56 लाख मानव दिवस का ही सृजन हो सका है। राज्य के 150 प्रखंड ऐसे रहे हैं, जहां रोजगार के आंकड़ों में खासी गिरावट आई है।

    यह स्थिति आगे भी रही, तो मनरेगा के तहत हासिल की जाने वाली उपलब्धियों को झटका लग सकता है। इससे उबरने के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने इन प्रखंडों में विशेष अभियान चलाने का लक्ष्य रखा है। योजना को अमली जामा पहनाने के लिए प्रखंड, जिला व राज्य स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा। राज्य स्तरीय समिति की कमान मनरेगा आयुक्त को सौंपी गई है।

    चार श्रेणियों में बांटा गया है 150 प्रखंडों को

    अभियान के लिए चयनित प्रखंडों को चार श्रेणियों में बांट अभियान चलाया जाएगा। 150 में से 53 प्रखंड ऐसे हैं, जहां मनरेगा के तहत महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति की भागीदारी कम है, इसे बढ़ाया जाएगा। 23 प्रखंडों में पूरी तरह से मानव सृजन की स्थिति असंतोषजनक पाई गई है। वहीं, 38 प्रखंड में सिर्फ महिलाओं की और 36 प्रखंडों में अनुसूचित जाति व जनजाति के रोजगार का आंकड़ा निराशाजनक रहा है।

    यह है अभियान का उद्देश्य

    नियमित रोजगार दिवस का आयोजन व सृजन। महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति के श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाना। शत-प्रतिशत महिला मेट का नियोजन। जीआइएस प्लानिंग। सामाजिक अंकेक्षण के दौरान पाए गए मामलों का समय से निष्पादन।