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    Jharkhand Politics: सीएम हेमंत सोरेन दिल्ली से लौटे, अब शुरू होगा बैठकों का दौर; सियासी सरगर्मी तेज

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 08:40 PM (IST)

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली दौरे से वापस आ गए हैं। उनके लौटने के बाद राज्य में बैठकों का दौर शुरू होने की संभावना है, जिसमें राज्य सरकार की विभिन्न ...और पढ़ें

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    झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन।

    राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार को दिल्ली से वापस लौट आए। गुरुवार से बैठकों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। 28 नवंबर को दिल्ली गए सीएम हेमंत सोरेन की वापसी के साथ ही सत्तापक्ष ने कमर कस ली है। पांच दिसंबर से शुरू हो रहे पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दोनों ही रणनीति बनाने में जुट गए हैं।

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    विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने चार दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह बैठक विधानसभा स्थित उनके कक्ष में होगी। इस दौरान स्पीकर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों से सदन के सुचारु संचालन में सहयोग की अपील करेंगे।

    उनकी प्राथमिकता रहेगी कि जनहित के अधिक से अधिक मुद्दों पर सार्थक बहस हो और सदन में अनावश्यक हंगामा न हो। इससे पहले बुधवार को स्पीकर ने अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर प्रशासनिक तैयारियों को अंतिम रूप दिया।

    शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर तक

    राज्यपाल की मंजूरी के बाद विधानसभा सचिवालय ने सत्र का औपचारिक कार्यक्रम जारी कर दिया है। पांच दिसंबर से शुरू हो रहा चतुर्थ (शीतकालीन) सत्र 11 दिसंबर तक चलेगा। इसमें कुल पांच कार्यदिवस होंगे। सत्र के दौरान चार दिन प्रश्नकाल होगा। सबसे अहम आठ दिसंबर को हेमंत सरकार चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी अनुपूरक मांगें पेश करेगी।

    सत्र से एक दिन पहले सत्तारूढ़ गठबंधन ने बड़ी रणनीतिक बैठक बुलाई है। चार दिसंबर को शाम साढ़े चार बजे एनेक्सी भवन (एटीआई सभागार) में यह बैठक होगी, जिसकी अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी के. राजू समेत गठबंधन के सभी विधायक और मंत्री मौजूद रहेंगे।

    झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने बताया कि बैठक में गठबंधन के भीतर तालमेल, मजबूत फ्लोर मैनेजमेंट और पूरे सत्र में एकजुट छवि पेश करना मुख्य एजेंडा होगा। सीएम विधायकों को प्रश्नकाल में विपक्ष के तीखे सवालों का व्यवस्थित और आक्रामक जवाब देने का मंत्र देंगे। मानसून सत्र की तरह इस बार भी सत्तापक्ष रक्षात्मक की बजाय आक्रामक रुख अपनाएगा। दूसरी अनुपूरक बजट को बिना किसी बाधा के पारित कराना और अपने विधेयक पास कराना भी प्राथमिकता में है।

    कांग्रेस ने बुलाई विधायक दल की बैठक

    गठबंधन की संयुक्त बैठक से पहले कांग्रेस अपने स्तर पर पूरी तरह तैयार होना चाहती है। पार्टी ने चार दिसंबर को दोपहर ढाई बजे कांग्रेस भवन में विधायक दल की अलग बैठक बुलाई है। इसमें प्रदेश प्रभारी के. राजू, विधायक दल नेता डॉ. प्रदीप यादव, प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश समेत सभी कांग्रेस विधायक और मंत्री शामिल होंगे।

    बैठक में अपने-अपने विभागों की तैयारियों की समीक्षा होगी। संभावित विपक्षी सवालों पर ठोस जवाब तैयार किए जाएंगे। साथ ही कांग्रेस अपनी अलग राजनीतिक लाइन को स्पष्ट रखते हुए गठबंधन के भीतर एकजुटता दिखाना चाहती है।

    पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस इस बार सदन में अपनी सक्रियता और मुखरता से सरकार को मजबूती देना चाहती है, ताकि गठबंधन में उसकी भूमिका कमतर न आंका जाए।