Ranchi news: सीयूजे ने चार साल में 'B' ग्रेड से 'A+' तक की लगाई छलांग; नैक रिव्यू में अंक बढ़कर 3.27 हुए
सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ झारखंड (सीयूजे) ने नैक ग्रेड रिव्यू में ए प्लस ग्रेड प्राप्त किया है, जिससे यह झारखंड का पहला विश्वविद्यालय बन गया है जिसे यह ग्रेड मिला है। चार वर्षों में सीयूजे ने शैक्षणिक और अनुसंधान क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। कुलपति ने इस सफलता को विश्वविद्यालय के सभी सदस्यों को समर्पित किया और भविष्य में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।

झारखंड का गौरव: सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड को मिला नैक में A+ ग्रेड।
कुमार गौरव, रांची। सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड (CUJ) ने शैक्षणिक उत्कृष्टता के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। नैक (NAAC) ग्रेड रिव्यू में यूनिवर्सिटी को A+ ग्रेड मिला है। इस उपलब्धि के साथ, सीयूजे झारखंड का एकमात्र विश्वविद्यालय बन गया है जिसे यह उच्च ग्रेड प्राप्त हुआ है। यूनिवर्सिटी परिसर, पूर्व छात्रों और सीयूजे से जुड़े लोगों में इस खबर से खुशी का माहौल व्याप्त है।
सीयूजे ने पिछले चार वर्षों में अपने नैक ग्रेड को 'B' से 'A+' तक पहुंचाया है। कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने इस सफलता पर कहा कि यदि हम अपने सारे प्रयासों को एक दिशा में लगाकर एक लक्ष्य पर केंद्रित होकर मेहनत करें तो उसे हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा, आज हम बी से ए प्लस ग्रेड पर आए हैं। इसे बनाए रखकर सीयूजे को विश्वस्तरीय और बेहतर बनाने के लिए संकल्पित होकर काम करना है। हमें आगे के लक्ष्य पर ध्यान लगाकर काम करना चाहिए और एक बेंचमार्क स्थापित करना चाहिए।
रिव्यू प्रक्रिया में मिली सफलता
इस सफलता के पीछे विश्वविद्यालय द्वारा किए गए लगातार प्रयास हैं। इसी वर्ष फरवरी में सीयूजे में नैक पीयर टीम के रिव्यू के बाद विश्वविद्यालय ने प्राप्त ग्रेड पर असंतुष्टि जताई थी।
नैक प्रक्रिया के अनुसार, सीयूजे ने ग्रेड को दोबारा रिव्यू करने का अनुरोध किया, जिसे नैक टीम ने मान लिया। पहले स्तर के रिव्यू में सीजीपीए अंक कुछ बढ़े, लेकिन नैक के सात पैरामीटर में से कुछ क्षेत्रों में असंतुष्ट होने पर सीयूजे ने फिर से रिव्यू का अनुरोध किया।
नैक ने इसे भी माना। अंतिम रिव्यू में डाटा वैलिडेशन एवं वेरिफिकेशन (DVV) के बाद विश्वविद्यालय का सीजीपीए अंक बढ़कर 3.27 हो गया, जिससे CUJ को 'A+ ग्रेड' हासिल हुआ।
नैक समन्वयन प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रो. केबी पंडा ने बताया कि कुलपति के कुशल नेतृत्व में सीयूजे ने यह लंबी छलांग लगाई है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को ए प्लस ग्रेड मिलने की सूचना मिली और बुधवार को विज्ञान सभागार में इस सफलता की घोषणा की गई।
शोध और विकास पर ज़ोर
सीयूजे शोध के क्षेत्र में लगातार अग्रसर है। वर्तमान में यहां 40 करोड़ रुपये की शोध परियोजनाएं चल रही हैं। इसके अलावा, विश्वविद्यालय में आधुनिक सुविधाएँ स्थापित की गई हैं:
- 500 किलोवाट का सोलर पावर स्टेशन
- अत्याधुनिक रिमोट एक्सेस लाइब्रेरी और प्रयोगशाला
- कंप्यूटर लैब, लैंग्वेज लैब और मल्टीमीडिया स्टूडियो
- कम्युनिटी रेडियो की स्थापना
सीयूजे अपने स्थायी परिसर से 3000 विद्यार्थियों के लिए कार्य कर रहा है और सभी शैक्षिक कार्य अकादमिक कैलेंडर के अनुसार पूरे हो रहे हैं। विश्वस्तरीय शिक्षा देने के उद्देश्य से सीयूजे ने दक्षिण कोरिया, चीन, जापान, जर्मनी और चिली की यूनिवर्सिटी के साथ समझौते और शोध सहयोग पर भी कार्य शुरू किया है। पिछले चार वर्षों में सीयूजे का प्लेसमेंट 70 प्रतिशत से ऊपर चला गया है।
कुलसचिव के. कोसल राव, डीन अकादमिक प्रो. मनोज कुमार, और डीन शोध एवं विकास प्रो. अरुण कुमार पाढ़ी ने भी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रसन्नता प्रकट की है। कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने कहा कि अब हमारा लक्ष्य नवाचार, अनुसंधान और शोध कार्यों को बढ़ावा देना है ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को और ऊंचाई पर ले जाया जा सके।
कुलपति के कुशल नेतृत्व में सीयूजे ने लंबी छलांग लगाई है। इसी वर्ष फरवरी में सीयूजे में नैक पीयर टीम के रिव्यू के बाद दोबारा रिव्यू करने का अनुरोध किया गया था, जिसे नैक ने मान लिया था। पहले स्तर के रिव्यू में सीजीपीए अंक कुछ बढ़े, जिसमें नैक के सात पैरामीटर में से कुछ क्षेत्रों में रिव्यू से असंतुष्ट होने पर विश्वविद्यालय ने फिर से रिव्यू का अनुरोध किया जिसे नैक ने फिर माना और अंतिम रिव्यू में डाटा वैलिडेशन एवं वेरिफिकेशन के बाद अंक बढ़कर 3.27 हो गया।
-प्रो. केबी पंडा, अध्यक्ष, नैक समन्वयन प्रकोष्ठ, सीयूजे।
मंगलवार को ए प्लस ग्रेड मिलने की सूचना मिली और बुधवार को हमने विज्ञान सभागार में कार्यक्रम आयोजित कर इस सफलता की घोषणा की। यह सफलता सीयूजे के सभी प्राध्यापकों, पदाधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को समर्पित है। अब हमारा लक्ष्य सीयूजे में नवाचार, अनुसंधान और शोध कार्यों को बढ़ावा देने का है ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा मिल सके।
- प्रो. क्षिति भूषण दास, कुलपति, सीयूजे रांची।

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