Jharkhand News: शराब के हर एक बोतल की होगी निगरानी, दुकानों में सीसीटीवी भी होगा अनिवार्य
झारखंड सरकार ने राज्य में शराब की बिक्री और वितरण को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। अब हर बोतल पर निगरानी रखी जाएगी और दुकानों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य कर दिए गए हैं। सरकार का उद्देश्य शराब के कारोबार में पारदर्शिता लाना और अवैध गतिविधियों पर लगाम कसना है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

रांची में शराब के हर एक बोतल की होगी निगरानी
राज्य ब्यूरो, रांची। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में विभागीय मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने सोमवार को विभाग के सचिव व आयुक्त के साथ राज्य में शराब की बिक्री, व्यवस्था आदि के बिंदुओं पर समीक्षा बैठक की। बैठक में वर्तमान में एक सितंबर से झारखंड में लागू नई उत्पाद नीति के सफल संचालन की रिपोर्ट सामने आई है।
मंत्री ने बताया कि गत वर्ष सितंबर महीने में जितना राजस्व आया था, उसकी तुलना में इस वर्ष के सितंबर महीने में 48 प्रतिशत अधिक का राजस्व आया है। बैठक में सहमति बनी कि शराह की हर एक बोतल की निगरानी सख्ती से होगी।
इसके लिए ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम को सख्ती से लागू किया जाएगा। ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम मजबूती से लागू हो, इसके लिए उत्पाद के अधिकारियों की एक टीम दीपावली के बाद दूसरे राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, बंगाल आदि राज्यों का दौरा करेगी और उसे बेहतर तरीके से समझेगी, ताकि झारखंड में उसे लागू किया जा सके।
ट्रैक एंड ट्रेस को सख्ती से लागू करने के पीछे यह उद्देश्य है कि शराब की हर बोतल की निगरानी प्लांट से बिकने तक की जा सके। इससे यह होगा कि आम लोगों तक जहरीली शराब नहीं पहुंच सकेगी। लोगों की जान-माल की रक्षा तो होगी ही, नकली व अवैध शराब की खेप को रोकने से सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।
उत्पाद दुकानों में सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य, बातचीत रिकार्ड की भी होगी सुविधा
मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि राज्य की खुदरा शराब दुकानों में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य किया जा रहा है। उस सीसीटीवी कैमरे में रिकार्डिंग की भी व्यवस्था होगी। अगर ग्राहक से किसी भी तरह का विवाद होता है तो उस रिकर्डिंग के आधार पर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकेगी।
सीसीटीवी कैमरा लगने से शराब पर एमआरपी से अधिक वसूली की भी निगरानी हो सकेगी। विभागीय मंत्री ने आम लोगों से शराब की खरीदारी के वक्त उससे संबंधित बिल लेने को कहा है। उन्होंने कहा है कि वे बिल अवश्य लें, इससे पता चल सकेगा कि दुकानदार ने एमआरपी से अधिक कीमत लिया है या नहीं।
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