Jharkhand News: नगर निकाय चुनाव में आया बड़ा अपडेट,सरकार ने पूरी कर ली है तैयारी... देखें पूरी रिपोर्ट
झारखंड हाई कोर्ट में नगर निकाय चुनाव को लेकर सुनवाई हुई। राज्य निर्वाचन आयोग ने अदालत को बताया कि आठ सप्ताह में चुनाव की तैयारी पूरी हो जाएगी और 45 दिनों में चुनाव प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी। मुख्य सचिव ने बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि चुनाव की सभी वैधानिक प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी।

झारखंड में नगर निकाय चुनाव के लिए सरकार स्तर से तैयारी पूरी कर ली गई है।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand High Court के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में निकाय चुनाव नहीं कराए जाने के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान नगर निकायों के चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने अदालत को समय सीमा बताई।
आयोग ने अपने शपथपत्र में कहा है कि आठ सप्ताह में चुनाव की सभी तैयारी पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद 45 दिनों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। अदालत ने आयोग को तय सीमा में चुनाव संपन्न कराने का निर्देश दिया है।
मामले में अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी। कोर्ट के आदेश के बाद भी नगर निकाय चुनाव नहीं कराने पर पूर्व पार्षद रोशनी खलखो ने अवमानना याचिका दाखिल की है।
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि ओबीसी की सूची, सीटों के आरक्षण, आबादी की सूची और संबंधित सभी जानकारी और डेटा राज्य निर्वाचन आयोग को उपलब्ध करा दी गई है।
सरकार की ओर से आयोग को देने के लिए अब किसी दस्तावेज या आंकड़े की जरूरत नहीं है। राज्य निर्वाचन आयोग ने भी स्वीकार किया कि राज्य सरकार ने निकाय चुनाव पर सारी जानकारी और औपचारिकता पूरी कर दी है। अब आयोग को अधिसूचना जारी कर चुनाव कराने की प्रक्रिया करनी है।
मुख्य सचिव ने अवमानना संंबधी शो काज का दिया जवाब
सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव की ओर से अवमानना के लिए जारी शो काज का जवाब दाखिल किया। उन्होंने अदालत से बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि चुनाव की सभी वैधानिक प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है।
14 अक्टूबर 2025 की कैबिनेट बैठक में नगर निकाय चुनावों में पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर समर्पित आयोग की रिपोर्ट को अनुमति दी जा चुकी है। शपथ पत्र में कहा गया है कि सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सभी कार्रवाई पूरी कर ली है और अब नगर निकाय चुनाव कराने की कोई वैधानिक कार्रवाई सरकार के स्तर पर शेष नहीं है।
चुनाव की तिथि तय करना अब राज्य निर्वाचन आयोग के दायरे में आते हैं। सरकार ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि मुख्य सचिव और शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव के खिलाफ लंबित अवमानना कार्यवाही को इस समय निरस्त कर दिया जाए।
निकाय चुनाव नहीं कराने पर दाखिल अवमानना में कहा गया है कि पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो गया है। पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के पहले ही सरकार को चुनाव कराना चाहिए।
म्यूनिसिपल एक्ट की धारा 20 में भी इसका उल्लेख है। चुनाव नहीं होने से कई काम प्रभावित हो गए हैं। सारे कार्य अधिकारियों को सौंप दिया गया है। सरकार के इस फैसले से लोगों को परेशानी हो रही है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।