PLFI सु्प्रीमो दिनेश गोप को अदालत के सामने पेश किया गया, पूछताछ के लिए आठ दिनों तक रहेगा NIA की रिमांड में
एनआईए की विशेष अदालत में टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार को पेश किया गया। जहां दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने एनआईए को पूछताछ के लिए दिनेश गोप की आठ दिनों की रिमांड प्रदान की।

राज्य ब्यूरो, रांची: एनआईए की विशेष अदालत में टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार को पेश किया गया। पेशी के बाद जांच अधिकारी ने दिनेश गोप से पूछताछ करने के लिए 14 दिनों की रिमांड पर देने का आग्रह करते हुए आवेदन दाखिल किया।
दिनेश गोप के वकील सौरभ कुमार पांडेय एवं राजेश कुमार सिन्हा ने एनआईए के रिमांड पर लेकर पूछताछ करने के आवेदन का विरोध किया। दिनेश गोप के वकील ने कहा कि इस मामले में पहले ही चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। अब रिमांड पर पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। गोप के वकील ने यह भी कहा कि एक ही बार में 14 दिनों की रिमांड पर नहीं लिया जा सकता है।
एनआईए को दिनेश गोप की मिली आठ दिनों की रिमांड
एनआईए के अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में आगे की जांच की जा रही है। ऐसे में आरोपी से रिमांड पर पूछताछ की आवश्यकता है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने एनआईए को दिनेश गोप को आठ दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ की अनुमति प्रदान की।
आरोपी दिनेश गोप को डालसा की ओर रिमांड वकील उपलब्ध कराया गया था। एनआईए ने दिनेश गोप को सोमवार को एक बजे अदालत में पेश किया गया। आधा घंटा अदालत में रहने के बाद एनआईए उसे अपने साथ ले गई।
बता दें कि एनआईए ने दिनेश गोप को रविवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद एनआईए की टीम ने उसे दो दिन के ट्रांजिट रिमांड पर लेकर रविवार शाम रांची पहुंची थी। उसकी गिरफ्तारी 2016 में बेड़ो थाना में दर्ज मामले में की गई है। एनआईए ने 2018 में मामले को टेकओवर करते हुए जांच शुरू की थी।
अदालत ने पूछा गोप से सभी उर्फ नाम
एनआईए की विशेष अदालत में दिनेश गोप को पेश किया गया तो कोर्ट ने उससे उसके सभी उर्फ नामों के बारे में पूछा। अदालत के प्रश्न का उत्तर देते हुए उसने कहा कि उसके सभी नाम सही है और इन नामों से भी उसे पुकारा जाता है। उसका नाम दिनेश गोप उर्फ कुलदीप यादव उर्फ बड़कू भी है।
अदालत ने दिनेश गोप से वकील रखने के बारे में पूछा तो उसने कहा कि सोच-विचार करने के बाद अपना वकील रखेंगे। अभी उसका कोई वकील नहीं किया है। इसके बाद उसे डालसा की ओर से रिमांड वकील उपलब्ध कराया गया था।
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