पवेलियन में रागी से लेकर यूरेनियम तक का प्रदर्शन, झारखंड एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति
44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में झारखंड मंडप अपनी खनिज संपदा और कृषि विविधता का प्रदर्शन कर रहा है। 'मिनरल कैपिटल' के रूप में प्रसिद्ध झारखंड, लौह अयस्क, कोयला और यूरेनियम जैसे खनिजों का प्रदर्शन कर रहा है। इसके साथ ही, रागी की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल को भी दर्शाया गया है। झारखंड एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति के रूप में निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।

राज्य सरकार ने इस बार मेले में झारखंड की खनिज संपदा के साथ-साथ समृद्ध कृषि परंपरा को भी राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया है।
राज्य ब्यूरो,रांची । राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रगति मैदान में आयोजित 44वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आइआइटीएफ) 2025 में इस वर्ष झारखंड पैविलियन अपने खनन क्षेत्र की मजबूती और कृषि विविधता विशेषकर रागी जैसे पोषक अनाज का प्रभावी प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। ।
राज्य सरकार ने इस बार मेले में झारखंड की खनिज संपदा के साथ-साथ समृद्ध कृषि परंपरा को भी राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया है। देश की मिनरल कैपिटल के रूप में ख्याति अर्जित कर रहा झारखंड इस पहचान को मजबूती से दर्शाते हुए पवेलियन में राज्य के प्रमुख खनिज जैसे लौह अयस्क, कोयला, अभ्रक, तांबा, यूरेनियम, बाक्साइट, चूना पत्थर, सोना, ग्रेनाइट और पत्थर का विस्तृत प्रदर्शन किया गया है।
ये खनिज न केवल भारत की औद्योगिक वृद्धि की रीढ़ हैं, बल्कि ऊर्जा, आधारभूत संरचना, विनिर्माण और रक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को गति प्रदान करते हैं। इस प्रदर्शनी के माध्यम से राज्य यह संदेश दे रहा है कि झारखंड का खनन क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन और निवेश आकर्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
किसानों के लिए एक टिकाऊ व उच्च पोषण वाली फसल है रागी
खनिज संपदा के साथ-साथ झारखंड ने इस बार अपनी रागी फसल को भी विशेष रूप से प्रदर्शित किया है। पोषक अनाज (मिलेट) के रूप में प्रसिद्ध रागी राज्य के किसानों, विशेषकर ग्रामीण और आदिवासी समुदायों के लिए एक टिकाऊ व उच्च पोषण वाली फसल है।
पवेलियन में रागी आधारित उत्पाद जैसे रागी आटा, बिस्किट, स्नैक्स और हेल्थ फूड ने दर्शकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया। राज्य सरकार रागी की खेती को बढ़ावा देकर किसानों की आय बढ़ाने, जलवायु-सहिष्णु खेती को प्रोत्साहित करने और बाजार से जोड़ने के लिए सक्रिय पहल कर रही है।
खनिज और कृषि दोनों क्षेत्रों में झारखंड पवेलियन का यह संतुलित प्रदर्शन दर्शाता है कि राज्य केवल प्राकृतिक संसाधनों का उत्पादक केंद्र ही नहीं है, बल्कि खाद्य सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास और सतत आर्थिक वृद्धि का भी एक मजबूत मॉडल प्रस्तुत कर रहा है।
एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति बन रहा झारखंड
आइआइटीएफ 2025 में झारखंड पवेलियन अपनी विविध शक्तियों के साथ देश-विदेश के निवेशकों, व्यापारियों और दर्शकों को यह संदेश दे रहा है कि झारखंड एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति है, जो खनिज, कृषि और उद्योग तीनों में अपार संभावनाएं रखता है।

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