झारखंड में खुलेंगे 4 नए मेडिकल कॉलेज, MBBS की 350 सीटें बढ़ेंगी; केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
झारखंड सरकार ने खूंटी, जामताड़ा, धनबाद और गिरिडीह में पीपीपी मोड पर चार नए मेडिकल कॉलेज खोलने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस योजना से राज्य में चिकित्सा शिक्षा का विस्तार होगा, स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होंगी और एमबीबीएस की 350 सीटें बढ़ेंगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता में सुधार होगा।

झारखंड में खुलेंगे 4 नए मेडिकल कॉलेज, MBBS की 350 सीटें बढ़ेंगी
राज्य ब्यूरो, रांची। चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे झारखंड में 4 नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे। ये मेडिकल कॉलेज खूंटी, जामताड़ा, धनबाद तथा गिरिडीह में खुलेंगे, जो पीपीपी मोड पर संचालित होंगे। मंगलवार को नई दिल्ली में वित्तीय मामलों के विभाग की हुई बैठक में राज्य सरकार के प्रस्ताव पर मंजूरी मिली। यह स्वीकृति भारत सरकार की 'पीपीपी मोड में मेडिकल कालेज स्थापना' योजना के तहत दी गई, जिसका उद्देश्य देशभर में चिकित्सा शिक्षा का विस्तार और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाना है।
वित्तीय मामलों के विभाग की हुई बैठक में झारखंड सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने प्रस्तुति दी।
प्रस्तुति के बाद केंद्र ने प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की। यह योजना केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग द्वारा संचालित वाइबलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) की उप योजना-1 एवं उप योजना-2 के अंतर्गत कार्यान्वित की जाएगी। इसके तहत धनबाद में उप योजना-1 तथा अन्य जिलों में उप योजना-2 के तहत मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।
खूंटी, जामताड़ा तथा गिरिडीह में मेडिकल कॉलेज के लिए उप योजना-2 के तहत भारत सरकार 40 प्रतिशत पूंजीगत व्यय सहायता तथा 25 प्रतिशत परिचालन व्यय सहायता प्रदान करेगी, जबकि राज्य सरकार 25 से 40 प्रतिशत तक पूंजीगत व्यय तथा 15 से 25 प्रतिशत तक परिचालन व्यय के रूप में योगदान देगी।
धनबाद में मेडिकल कॉलेज के लिए उप योजना-1 के तहत पूंजी व्यय सहायता के तहत 30 प्रतिशत तथा राज्य सरकार भी इतनी ही राशि का वहन करेगी।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस साझेदारी से न केवल चिकित्सा शिक्षा में सुधार होगा, बल्कि राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। विभाग के अपर मुख्य सचिव चार नए मेडिकल कालेज खुलने से ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
साथ ही चिकित्सा शिक्षा की पहुंच बढ़ेगी और स्वास्थ्य अवसंरचना को नई मजबूती मिलेगी। साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
एमबीबीएस की बढ़ेगी 350 सीटें
इन चारों जिलों में मेडिकल कालेज की स्थापना से एमबीबीएस में 350 सीटों की वृद्धि हो जाएगी। खूंटी में 50 तथा अन्य जिलों में 100-100 सीटों पर पर नामांकन हो सकेगा।

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