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    इस साल हर दिन बदल रहा मौसम का मिजाज, देखें, मौसम को लेकर क्या है मौसम विभाग की भविष्यवाणी

    By Madhukar KumarEdited By:
    Updated: Mon, 24 Jan 2022 03:51 PM (IST)

    Chatra News हाड़तोड़ ठंड से फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली है। आशंका यह जताई जा रही है कि जब तक ओलावृष्टि नहीं होगी तब तक बादल और शीतलहर से निजात नहीं मिलने वाली है। इस साल अप्रत्याशित रूप से ठंड पड़ी है।

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    इस साल हर दिन बदल रहा मौसम का मिजाज, देखें, मौसम को लेकर क्या है मौसम विभाग की भविष्यवाणी

    चतरा, जागरण संवाददाता। पिछले कुछ दिनों से रुक-रुकर हो रही बारिश ने प्रदेश का मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदलकर रख दिया है। बारिश के कारण एक तरफ जहां तापमान में कमी आई है, वहीं दूसरी तरफ कोहरा और शीतलहर ने यहां हाड़ कंपाने वाली ठंड ला दी है। आने वाले समय में इस मौसम से निजात मिलने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है।

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    तापमान में 4 डिग्री तक की गिरावट

    स्थिति को देखते हुए यह माना जा रहा है कि हाड़तोड़ ठंड से फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली है। आशंका यह जताई जा रही है, कि जब तक ओलावृष्टि नहीं होगी, तब तक बादल और शीतलहर से निजात नहीं मिलने वाली है। इस साल अप्रत्याशित रूप से ठंड पड़ी है। न्यूनतम तापमान 4 डिग्री तक रिकार्ड किया गया है। जाहिर सी बात है कि न्यूनतम तापमान में फिलहाल बहुत गिरावट दर्ज नहीं की जा रही है। सोमवार को यहां का न्यूनतम तापमान 13 और अधिकतम 21 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

    मंगलवार को न्यूनतम में आएगी गिरावट

    मंगलवार को न्यूनतम तापमान में एक डिग्री गिरावट का पूर्वानुमान है। आने वाले दो से तीन दिनों तक मौसम का हाल शायद इसी तरह रहने वाला है। शनिवार और रविवार को झमाझम बारिश हुई। बेमौसम हो रही बरसात से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है। बारिश का क्रम तो थम गया। लेकिन शीतलहर और आसमान में छाया बादल अब भी कायम है। कोहरे की परत और गाढ़ी हो गई है।

    सब्जी की फसलों पर मौसम की मार

    बहरहालस, इस ठंड में शीतलहर और कोहरे के कारण साग-सब्जियों के साथ-साथ रबी फसलों को व्यापक नुकसान हो रहा है। आलू, टमाटर, मटर एवं दूसरे अन्य फसलों की उत्पादकता प्रभावित होने संभावना से इंकार नहीं कर सकते हैं। मौसम सामान्य होने के बाद ठंड और बढ़ेगी तथा तापमान में गिरावट आएगी। मौसम के जानकारों का कहना है कि न्यूनतम तापमान एक बार फिर पांच से छह डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डा. रंजय कुमार सिंह ने बताया कि बेमौसम बरसात और कोहरे की वजह से साग एवं सब्जियों को काफी नुकसान हुआ है। उनका मानना है कि टमाटर, आलू, मटर एवं दूसरी सब्जियों की उत्पादकता में कमी आएगी। वहीं चना और गेहूं की फसलों के लिए बारिश को लाभकारी बताया जा रहा है।