झारखंड में तय MRP पर ही बेचनी होगी शराब; पकड़े जाने पर भारी जुर्माना; रात 11 बजे तक खुली रहेंगी दुकानें
रांची में नई शराब खुदरा बिक्री नीति 1 सितंबर से लागू हो गई है। निजी हाथों में बिक्री शुरू होते ही दुकानों पर भीड़ उमड़ी हालांकि सभी दुकानें अभी नहीं खुली हैं। पुराने एमआरपी पर नई दरों से शराब बिक रही है अगले हफ्ते तक नई एमआरपी वाली बोतलें मिलने की उम्मीद है। एमआरपी से अधिक कीमत पर बेचने पर जुर्माने का प्रावधान है।

राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में एक सितंबर से नई व्यवस्था के तहत शराब की खुदरा बिक्री शुरू हो चुकी है। निजी हाथों से शराब की खुदरा बिक्री शुरू होते ही दुकानों पर पहले की तरह ही भीड़ दिखी।
हालांकि, सभी दुकानें अभी नहीं खुल सकी हैं, क्योंकि दुकानों में गोदाम से शराब की खेप पर्याप्त संख्या में नहीं पहुंच सकी थी।
एक-दो दिनों में यह पूरी तरह व्यवस्थित हो जाएगा। वर्तमान में पुराने एमआरपी वाली शराब भी निर्धारित नए दर पर बिक रही है। यह स्थिति इस हफ्ते तक रहेगी, जब तक की नया एमआरपी प्रिंट नहीं हो जाता है।
यह संभावना जताई जा रही है कि अगले हफ्ते से संशोधित एमआरपी वाली शराब की बोतलें उपलब्ध रहेंगी। नई उत्पाद नीति में शराब की खुदरा दुकानों की सख्त निगरानी का प्रविधान है।
यह प्रविधान में है कि कोई भी दुकानदार एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बेचते पकड़ा जाएगा तो संबंधित दुकान पर पहली बार 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर 75 हजार व तीसरी बार पकड़े जाने पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगेगा।
इसके बावजूद शिकायत आने पर उक्त दुकान का लाइसेंस रद करने का प्रविधान है। राज्य में खुदरा शराब दुकानदारों को प्रति बोतल 12 प्रतिशत का मुनाफा मिल रहा है। दुकानदार एक ग्राहक को 200 पीस बियर बेच सकता है।
अब रात 11 बजे तक खुलेंगी शराब की दुकानें
नई उत्पाद नीति के तहत अब रात के 11 बजे तक शराब की दुकानें खुलेंगी। पहले रात के 10 बजे तक ही शराब की खुदरा बिक्री की अनुमति थी। अब हर दिन शराब दुकानदारों को अपने स्टाक की स्थिति को अद्यतन करना होगा।
स्टाक अद्यतन नहीं होने पर भी जुर्माने का प्रविधान है। इसके तहत पहली बार पकड़े जाने पर पांच हजार रुपये, दूसरी बार पकड़े जाने पर 10 हजार रुपये, तीसरी बार पकड़े जाने पर 15 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
निजी दुकानदारों के बीच शराब की बिक्री को लेकर आपसी प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी। दुकान संचालक ग्राहकों के लिए उपहार योजना भी चला सकते हैं।
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