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    कुख्यात दिनेश गोप से NIA की गहरी पूछताछ, पटना टाइम बम कनेक्‍शन से लेकर PLFI के बिहार मॉड्यूल तक पूछे गए सवाल

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Fri, 26 May 2023 02:33 PM (IST)

    नेपाल से गिरफ्तार किए गए PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप से पटना के टाइम बम कनेक्शन व पीएलएफआइ के बिहार माड्यूल के बारे में जानकारी ली जा रही है। वह इस वक्‍त एनआइए की रिमांड पर है। धीरे-धीरे वह खुलासे कर रहा है।

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    पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप से एनआईए की पूछताछ जारी।

    राज्य ब्यूरो, रांची। टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ का सुप्रीमो दिनेश गोप उर्फ दिनेश उर्फ अमरजीत सिंह उर्फ कुलदीप उर्फ बड़कू उर्फ मारंग बाड़ू उर्फ डीजी उर्फ साहेब उर्फ बाबा 30 मई तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की रिमांड पर है।

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    दिनेश से ली गई पीएलएफआइ के बिहार माड्यूल की जानकारी

    उससे न सिर्फ एनआइए के अधिकारी, बल्कि विभिन्न जिलों के पुलिस अधिकारी व अन्य जांच एजेंसियां भी पूछताछ कर रही है। मूल रूप से झारखंड के खूंटी जिले के जरियागढ़ थाना क्षेत्र के लापा मोरहाटोली निवासी दिनेश गोप से गुरुवार को जांच एजेंसियों ने पीएलएफआइ के बिहार माड्यूल की जानकारी ली। दिनेश गोप से जांच अधिकारियों ने जानना चाहा कि बिहार में वह किस तरह का आतंक फैलाना चाहता था और वहां उसकी आगे की क्या योजना थी।

    पटना बम कनेक्‍शन को लेकर पूछे गए कई सवाल

    पूछताछ का पूरा विषय पटना का टाइम बम कनेक्शन था। गत 30 मार्च 2015 को पटना में भूतनाथ रोड के बहादुर हाउसिंग कालोनी स्थित एमआइजी सेक्टर तीन के ब्लाक 12 स्थित फ्लैट 21 में रात करीब साढ़े नौ बजे टाइम बम फटने से पूरा इलाका दहल गया था।

    उस समय पटना के एसएसपी मनु महाराज के नेतृत्व में पटना पुलिस ने मौके से दो टाइम बम भी बरामद किया था। पुलिस को छानबीन में पता चला था कि लेवी वसूलने के लिए पीएलएफआइ के अपराधियों ने वहां बम लाकर रखा था।

    बिहार माॅड्यूल को मजबूत करना था लक्ष्‍य

    वहां करीब आधा दर्जन अपराधी पकड़े गए थे और उन लोगों ने ही बताया था कि वे पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के गुर्गे हैं और उसके कहने पर ही वे वहां अपने बिहार माड्यूल को मजबूत करने गए थे, इससे पहले ही यह कांड हो गया। अब एनआइए दिनेश गोप से उस पूरी घटना से संबंधित जानकारी ले रही है।

    दिनेश को है अपने सभी साथियों पर शक

    पूछताछ के दौरान दिनेश गोप यही कहता है कि उसे ठीक से याद नहीं है। उसे जब जांच एजेंसी कहानी सुनाती है तो वह उसे स्वीकार कर लेता है। उसने यह भी बताया है कि वह अपने साथियों को भी शक की दृष्टि से देखता था।

    उसने अपने एक हार्डकोर साथी मच्छर को इसलिए मरवा दिया, क्योंकि उसने संगठन से गद्दारी की थी और पुलिस से मिल गया था। दिनेश गोप ने यह भी बताया है कि अब उसके बाद पीएलएफआइ संगठन की कमान कृष्णा यादव नामक उसका हार्डकोर साथी संभालेगा। जांच एजेंसी ने कृष्णा यादव के बारे में भी उससे जानकारी ली है।

    ओडिशा व बिहार पुलिस भी करेगी दिनेश गोप से पूछताछ

    एनआइए के हाथों गिरफ्तार दिनेश गोप की गिरफ्तारी की जानकारी अन्य राज्यों को भी दी गई है। जहां-जहां पीएलएफआइ के विरुद्ध केस दर्ज हैं, वहां की पुलिस दिनेश गोप से पूछताछ के लिए रांची आएगी।

    एनआइए की रिमांड खत्म होने के बाद उन राज्यों की पुलिस अपने-अपने कांडों में भी उसे पूछताछ के लिए रिमांड पर ले जा सकती है। ओडिशा व बिहार की पुलिस भी पूछताछ के लिए जल्द ही रांची आएगी, ऐसी सूचना है।

    पहले गिरफ्तार सहयोगियों के बयान की जांच जारी

    दिनेश गोप के दो दर्जन से अधिक साथी पूर्व में एनआइए व झारखंड पुलिस के हाथों गिरफ्तार हो चुके हैं। इनमें कई ऐसे हैं, जिन्होंने दिनेश गोप का विश्वास जीतकर करोड़ों की ठगी की है।

    अब जांच एजेंसी पूर्व में गिरफ्तार सहयोगियों के बयान का दिनेश गोप से सत्यापन करवा रही है। रांची के धुर्वा थाने की पुलिस ने गत वर्ष पूर्व में अमिर चंद, उज्जवल साह, आर्य कुमार सिंह, निवेश कुमार, प्रवीण कुमार, सुभाष पासवान व अंजली पटेल को गिरफ्तार की थी।

    दिनेश के साथी ने सुनाई ठगी की पूरी दास्‍तां

    गिरफ्तार निवेश पोद्दार ने बताया था कि उसने फर्जी हथियार दिखाकर पीएलएफआइ उग्रवादियों को ठगा था। फर्जी आइबी अधिकारी बनकर व सचिवालय का अधिकारी बनकर बेरोजगारों को ठगा था। उसने पुलिस के सामने 2.18 करोड़ रुपये की ठगी की बात स्वीकारी थी।

    रांची पुलिस ने निवेश के घर से 61 लाख, 31 हजार 500 रुपये नकदी के अलावा एक बीएमडब्ल्यू कार, एक थार, एक एमजी हेक्टर, एक जाइलो व एक महिंद्रा एसयूवी 500 कार जब्त की थी।