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    झारखंड के अनुभवी नेता सुलझाएंगे हिमाचल कांग्रेस की खींचतान, राजेश ठाकुर को मिली जिम्मेदारी

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 02:11 PM (IST)

    कांग्रेस आलाकमान ने हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में संगठन को मजबूत करने के लिए राजेश ठाकुर को तैनात किया है। मंडी में पार्टी की लगातार हार और गुटबाजी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। उन्हें मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बीच चल रही खींचतान को कम करने की भी जिम्मेदारी दी गई है। वे स्थानीय नेताओं से मुलाकात और कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे।

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    राजेश ठाकुर। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, रांची। कांग्रेस आलाकमान ने हिमाचल प्रदेश में संगठनात्मक दृष्टिकोण से कमजोर जिले मंडी में संगठन को मजबूत करने के लिए बड़ा दांव खेला है। झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और एआईसीसी सदस्य राजेश ठाकुर को मंडी में तैनात किया गया है। यह तैनाती छत्तीसगढ़ के बाद हिमाचल में उनकी दूसरी बड़ी जिम्मेदारी है। मंडी में पार्टी को लगातार मिल रही हार और आंतरिक गुटबाजी को देखते हुए हाईकमान ने ठाकुर पर भरोसा जताया है।

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    मंडी जिले में कुल 10 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से नौ पर भाजपा का कब्जा है और कांग्रेस के पास सिर्फ एक सीट है। लोकसभा चुनाव और उपचुनावों में भी पार्टी को करारी शिकस्त मिली है। अगला विधानसभा चुनाव दिसंबर 2027 में हैं, इसलिए अभी से जमीनी स्तर पर कमजोरियों को दूर करने की कवायद शुरू हो गई है। हाईकमान ने सबसे कमजोर जिले से ही संगठन सृजन अभियान की शुरुआत करने का फैसला लिया है।

    गुटबाजी सुलझाने की दोहरी जिम्मेदारी

    राजेश ठाकुर का दौरा सिर्फ संगठन की मजबूती तक सीमित नहीं है। मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बीच चल रही खींचतान ने भी पार्टी को कमजोर किया है। ठाकुर को इस आंतरिक कलह को कम करने और दोनों धड़ों को एकजुट करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।

    झारखंड में उन्होंने इसी तरह की गुटबाजी को नियंत्रित कर संगठन को मजबूत किया था। उन्होंने सक्रिय नेताओं व कार्यकर्ताओं को तरजीह देकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी। जिसका बेहतर परिणाम सामने आया। कार्यकर्ता केंद्रित कार्यक्रमों से संगठन में जान आई। अब वही मॉडल हिमाचल में आजमाया जा रहा है।

    वे चंडीगढ़ पहुंचकर अभियान शुरू कर चुके हैं। इस क्रम में उनका स्थानीय नेताओं से मुलाकात, संगठन सृजन पर संगोष्ठी, मोर्चा-प्रकोष्ठ और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक निर्धारित है।

    29 नवंबर से तीन दिसंबर तक रोजाना अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में ब्लाक स्तरीय सम्मेलन, पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं से सीधी बातचीत और संगठनात्मक कमजोरियों की समीक्षा करेंगे। वे अपनी विस्तृत रिपोर्ट को पार्टी आलाकमान को अवगत कराएंगे। यदि यह अभियान यदि सफल रहा तो पार्टी को मजबूती मिल सकती है।