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    Jharkhand News: क्या रांची में बनेगी आईआईटी, स्किल और फिनटेक यूनिवर्सिटी? जानिए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्या कहा

    झारखंड के उच्च शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार ने नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। उन्होंने राज्य में उच्च शिक्षा के विकास के लिए वित्तीय सहायता और रांची में आईआईटी स्थापित करने का अनुरोध किया। मंत्री ने कौशल विश्वविद्यालय और फिनटेक विश्वविद्यालय के लिए भी वित्तीय मदद मांगी। उन्होंने शिक्षा ऋण योजना के तहत राज्य को हुए नुकसान की जानकारी दी और सहयोग का आग्रह किया।

    By Neeraj Ambastha Edited By: Rajesh KumarUpdated: Wed, 23 Jul 2025 08:48 AM (IST)
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    झारखंड के मंत्री ने उच्च शिक्षा के लिए केंद्र से सहयोग मांगा। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की और राज्य में उच्च शिक्षा के विकास के लिए कई प्रस्ताव रखे। उन्होंने राज्य में उच्च शिक्षा में कम सकल नामांकन अनुपात और महाविद्यालयों की कम संख्या का हवाला देते हुए कई संस्थानों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता की मांग की।

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    राज्य मंत्री ने केंद्र से रांची में आईआईटी स्थापित करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव पर शीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध किया। उन्होंने रांची में कौशल विश्वविद्यालय और फिनटेक विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 800 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की भी मांग की।

    उन्होंने निफ्ट परिसर के विस्तार और पीआईएफसी के प्रस्ताव को शीघ्र मंजूरी देने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि आईआईटी के सहयोग से ई समर्थ एवं नवाचार नीति-2025 चलाने की योजना है।

    केंद्रीय शिक्षा मंत्री को बताया गया कि झारखंड में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात मात्र 18.3 प्रतिशत है। साथ ही, यहां एक लाख की आबादी पर मात्र आठ महाविद्यालय उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि पीएम-रूसा के तहत भेजे गए 159 प्रस्तावों में से केवल एक मेरु विनोबा भावे विश्वविद्यालय, 17 महाविद्यालयों और छह छात्रावासों को ही मंजूरी मिली है। नए मॉडल डिग्री के लिए केंद्र से कोई मंजूरी नहीं मिली है।

    झारखंड को 231.72 करोड़ रुपये का नुकसान

    झारखंड के मंत्री ने दावा किया कि शिक्षा ऋण योजना के तहत राज्य को 231.72 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उनके अनुसार, झारखंड को यह नुकसान अधिकांश ऋण दूसरे राज्यों के संस्थानों को देने के कारण हुआ है। उन्होंने केंद्र से राज्य के हित में अपेक्षित सहयोग का अनुरोध किया और विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी से झारखंड में उच्च शिक्षा का विकास होगा।