RJD प्रत्याशी की गिरफ्तारी से चढ़ा सियासी पारा, झारखंड पुलिस के एक्शन से गठबंधन में उभरे मतभेद
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सासाराम से राजद प्रत्याशी सत्येंद्र साह की गिरफ्तारी से राजनीतिक माहौल गरमा गया है। राजद ने इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए नाराजगी जताई है। झामुमो ने भी महागठबंधन से किनारा कर लिया है, जिससे गठबंधन में दरार और बढ़ गई है। झामुमो ने राजद और कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाया है।

हेमंत सोरेन और तेजस्वी यादव। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, रांची। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सासाराम से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रत्याशी सत्येंद्र साह की गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। झारखंड पुलिस ने 20 वर्ष पुराने एक मामले में साह को गिरफ्तार किया, जिसे राजद ने राजनीतिक साजिश करार दिया है। इससे गठबंधन में पहले से व्याप्त खटास को और गहरा किया है।
राजद ने इसपर सवाल खड़े करते हुए नाराजगी जताई है। बीते 20 अक्टूबर को सत्येंद्र साह सासाराम विधानसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिए गए। नामांकन प्रक्रिया पूरी होते ही झारखंड पुलिस की टीम ने गैर जमानती वारंट के आधार पर उन्हें हिरासत में ले लिया।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार साह के खिलाफ विभिन्न थानों में लूट, डकैती और आर्म्स एक्ट के उल्लंघन से जुड़े कई मामले दर्ज हैं। इस घटना को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और राजद के बीच बढ़ती खटास से जोड़ा जा रहा है। बिहार चुनावों में सीट बंटवारे पर सहमति न बन पाने के कारण झामुमो ने सोमवार को ही महागठबंधन से किनारा कर लिया था।
झामुमो के वरिष्ठ नेता सुदिव्य कुमार ने राजद और कांग्रेस पर राजनीतिक साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि हमें धोखा दिया गया। छह सीटों पर हमारा दावा था, लेकिन हमें नजरंदाज कर दिया गया। हम झारखंड में गठबंधन की समीक्षा करेंगे।
झामुमो ने चकाई समेत धमदाहा, कटोरिया, मनिहारी, जमुई और पीरपैंती जैसी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी, लेकिन अंतिम समय में पार्टी पीछे हट गई। इस घटनाक्रम का असर यह हुआ कि सीट बंटवारे में झामुमो ने घोर उपेक्षित महसूस किया, जिससे खटास बढ़ी।
चुनाव परिणाम के बाद नए सिरे से समीक्षा
घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के बाद झामुमो में गठबंधन की समीक्षा को लेकर दबाव बढ़ गया है। पार्टी ने भी कहा है कि झारखंड में जारी गठबंधन की समीक्षा की जाएगी। हालांकि, इसपर राजद ने जहां संतुलित प्रतिक्रिया देते हुए झामुमो अध्यक्ष हेमंत सोरेन की सराहना की है, वहीं कांग्रेस खेमे में चुप्पी है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि आलाकमान के स्तर से ऐसे निर्णय होते हैं। प्रदेश स्तर पर इसपर प्रतिक्रिया देना उचित नहीं है।
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