Jharkhand News: बीटेक छात्रा की हत्या की गुत्थी सुलझाने वाले CBI अधिकारी को भारत सरकार ने दिया मेडल
Jharkhand Crime News वर्तमान में झारखंड पुलिस में डीएसपी हैं तत्कालीन इंस्पेक्टर परवेज आलम। झारखंड में पदस्थापित तीन अन्य को भी मिला मेडल। बेहतर अनुसंधान के लिए देश के 52 सीबीआइ अधिकारियों को मिला केंद्रीय गृह मंत्री मेडल। अधिकारियों ने झारखंड का बढ़ाया मान।

रांची, राज्य ब्यूरो। Union Home Minister Medal for Better Research रांची की बहुचर्चित बूटी बस्ती निवासी एक बीटेक की छात्रा से दरिंदगी के बाद हत्या कर मोबिल से चेहरा जलाने के मामले को सुलझाने वाले झारखंड पुलिस के अधिकारी सीबीआइ के तत्कालीन इंस्पेक्टर परवेज आलम को केंद्रीय गृह मंत्री मेडल मिला है। यह मेडल बेहतर अनुसंधान के लिए दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री किरण रिजुजू ने अधिकारियों को दिया मेडल
नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजुजू ने सीबीआइ के निदेशक एसके जायसवाल की उपस्थिति में उक्त मेडल देकर परवेज आलम को सम्मानित किया। बेहतर अनुसंधान के लिए देश के 52 सीबीआइ अधिकारियों को केंद्रीय गृह मंत्री मेडल दिया गया है, जिनमें परवेज आलम के अलावा झारखंड में तैनात बैंकिंग व चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध बेहतर अनुसंधान करने वाले सीबीआइ के आर्थिक अपराध शाखा के पदाधिकारी केके सिंह, आशीष आनंद व ज्योतिमई मांझी भी सम्मानित किए गए हैं।
बेहतर तरीके से अनुसंधान के लिए दिया गया पदक
बेहतर अनुसंधान के लिए केंद्रीय गृह मंत्री पदक से सम्मानित परवेज आलम झारखंड पुलिस में वापसी के बाद डीएसपी के पद पर प्रोन्नत होकर पदस्थापित हैं। झारखंड में पदस्थापित सीबीआइ के सभी चार पदाधिकारियों को सम्मान उनके बेहतर अनुसंधान के लिए दिया गया है। उनके बेहतर अनुसंधान की बदौलत ही अपराधियों को सजा दिलाने की रफ्तार बेहतर रही है।
बेहतर अनुसंधान की बदौलत फांसी की सजा तक दिलवाई
सीबीआइ के तत्कालीन इंस्पेक्टर परवेज आलम (वर्तमान में डीएसपी सीआइडी) ने बीटेक छात्रा हत्याकांड की गंभीरता से जांच की। अनुसंधान के दौरान बीटेक छात्रा से दरिंदगी व हत्या करने के आरोपित राहुल राज उर्फ राकी राज उर्फ अंकित उर्फ राज श्रीवास्तव उर्फ आर्यन को तत्कालीन इंस्पेक्टर परवेज आलम ने न सिर्फ खोज निकाला, बल्कि उसके विरुद्ध इतने वैज्ञानिक साक्ष्य को जुटाया कि अदालत से उसे फांसी की सजा हो चुकी है। दोषी राहुल राय मूलत: बिहार के नालंदा जिले के एकंगरसराय के धुरा गांव का रहने वाला है। उसके पिता उमेश प्रसाद आटो चालक हैं।
वीभत्स तरीके से की थी छात्रा की हत्या
छात्रा मूल रूप से सिल्ली थाना क्षेत्र की थी। उसके पिता बरकाकाना में सीएमपीडीआइ कर्मी हैं। पिता के अनुसार बूटी बस्ती में वर्ष 2005 में उन्होंने एसबेस्टस का घर बनवाया था। करीब दो साल से उनकी दो बेटियां वहां रहकर पढ़ाई करती थीं। वे व परिवार के अन्य सदस्य बरकाकाना में रहते हैं। बड़ी बेटी रांची शहर के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में स्नातक कर रही थी, जबकि छोटी बेटी (मृतका) ओरमांझी की एक तकनीकी कॉलेज से बीटेक द्वितीय वर्ष की चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा 15 दिसंबर 2016 को ही पास की थी। घटना इस दिन ही देर रात की है। उसी दिन पिता उक्त छात्रा (मृतका) को लेकर रांची आए थे और उसे कॉलेज छोड़कर बरकाकाना लौट गए थे। रात में ही छात्रा की हत्या हो गई थी। 16 दिसंबर की सुबह इस घटना का खुलासा हुआ था। जब झारखंड पुलिस को अपराधी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली तो इस मामले में अनुसंधान की जिम्मेदारी सीबीआइ को दी गई। सीबीआइ ने 28 मार्च 2018 को प्राथमिकी दर्ज की थी। कांड के अनुसंधानकर्ता सीबीआइ के तत्कालीन इंस्पेक्टर परवेज आलम बनाए गए थे। उन्होंने आरोपित की गिरफ्तारी के बाद सितंबर 2019 में आरोपित राहुल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था।

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