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    BIT Mesra: मात्र 1500 रुपये में तैयार होगा लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाला फोल्डेबल स्ट्रेचर, मिला पेटेंट

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 01:40 AM (IST)

    एम्पावरिंग माइंड्स को बढ़ावा देते हुए बीआइटी मेसरा के पूर्ववर्ती छात्र सह शहर के शिक्षाविद् डा. राहुल कुमार ने अब तक 45 से अधिक शोध कार्यों का पेटेंट कराकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। हालिया रिसर्च में उन्होंने लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाला फोल्डेबल स्ट्रेचर एक अभिनव डिजाइन को डेवलप किया है जिसका उद्देश्य आपातकालीन चिकित्सा देखभाल को बेहतर बनाना है।

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    अब 1500 रुपये में तैयार होगा लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाला फोल्डेबल स्ट्रेचर, मिला पेटेंट।

    जागरण संवाददाता, रांची । एम्पावरिंग माइंड्स को बढ़ावा देते हुए बीआइटी मेसरा के पूर्ववर्ती छात्र सह शहर के शिक्षाविद् डा. राहुल कुमार ने अब तक 45 से अधिक शोध कार्यों का पेटेंट कराकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

    हालिया रिसर्च में उन्होंने लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाला फोल्डेबल स्ट्रेचर एक अभिनव डिजाइन को डेवलप किया है, जिसका उद्देश्य आपातकालीन चिकित्सा देखभाल को बेहतर बनाना है।

    सिर्फ 1500 रुपये में तैयार इस डिजाइन में कई आधुनिक फीचर्स को समाहित किया गया है। यह पोर्टेबल, काम्पैक्ट स्ट्रेचर आक्सीजन आपूर्ति अनुकूलता, स्टैंड प्रविधान और रोगी सुरक्षा पट्टियों जैसी बुनियादी जीवन रक्षक सुविधाओं को एकीकृत करता है।

    कम कीमत में तैयार इस डिजाइन को पेटेंट कराने के साथ साथ इसके व्यवसायिक तौर पर निर्माण कराने को लेकर भी डा. राहुल प्रयासरत हैं। उनका कहना है कि लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाला फोल्डेबल स्ट्रेचर एंबुलेंस, सैन्य उपयोग और आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों के लिए आदर्श है।

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    हाल ही में केंद्र सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा पंजीकृत, यह डिजाइन व्यावहारिक, जीवन रक्षक नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें गतिशीलता, दक्षता और गंभीर परिस्थितियों में रोगी देखभाल पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

    डिजाइन अधिनियम 2000 के तहत 10 वर्षों के लिए संरक्षित :

    डा. राहुल ने बताया कि लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाला फोल्डेबल स्ट्रेचर डिजाइन अधिनियम 2000 के तहत 10 वर्षों के लिए संरक्षित है, जिसे 15 वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है।

    इस अधिनियम के तहत आविष्कारकों को उपकरण को आगे विकसित करने और उसका व्यवसायीकरण करने का विशेष अधिकार प्राप्त होता है।

    उन्होंने कहा कि आगामी दिनों इस स्ट्रेचर को और आधुनिक बनाने की तकनीक अपनाई जा रही है ताकि सुलभता के साथ इसका प्रयोग स्वास्थ्य केंद्रों पर हो सके।

    बता दें कि डा. राहुल के पास अनुसंधान और इनोवेशन में मजबूत पृष्ठभूमि के साथ 18 वर्षों से अधिक का शैक्षणिक अनुभव है। उनके पास केंद्र सरकार के साथ पंजीकृत 45 से अधिक डिजाइन पेटेंट हैं।

    बीआइटी मेसरा और एनआइटी पटना जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के पूर्व छात्र डा. राहुल ने बीटेक, एमटेक और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।

    वे आइआइटी दिल्ली में फैकल्टी रिसर्च फेलो के रूप में कार्यरत रहे हैं। इनोवेशन के प्रति जुनून से प्रेरित डा. राहुल रोजमर्रा की जिंदगी की चुनौतियों के व्यावहारिक समाधान विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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