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    Jharkhand News: देवधर का संग्रहालय बना कोल्हान की पहचान, विदेश से आए पर्यटक हुए मुरीद

    By Sudhir PandayEdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Sun, 26 Oct 2025 10:07 AM (IST)

    झारखंड के देवघर स्थित संग्रहालय कोल्हान की पहचान बन गया है। इसकी अनूठी कला और संस्कृति ने विदेशी मेहमानों को प्रभावित किया है। संग्रहालय में कोल्हान की ऐतिहासिक धरोहर, कलाकृतियाँ, वस्त्र और ऐतिहासिक वस्तुएँ प्रदर्शित हैं। विदेशी पर्यटकों ने इसकी सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व की सराहना की है, जिससे देवघर में पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है।

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    जागरण संवाददाता, चाईबासा। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के मझगांव प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय देवधर स्थित हो जनजातीय जीवन दर्शन पर आधारित संग्रहालय शनिवार को विदेशी मेहमानों की मेजबानी का साक्षी बना। फ्रांस से आए पांच सदस्यीय दल ने संग्रहालय का अवलोकन किया और जनजातीय संस्कृति की जीवंत झलक देखकर प्रभावित हुए।

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    ट्राइबल इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पश्चिमी सिंहभूम जिला सचिव अनमोल पाट पिंगुवा के नेतृत्व में पहुंचे फ्रांसीसी दल ने संग्रहालय में संरक्षित वस्तुओं का गहराई से अध्ययन किया। उन्होंने संग्रहालय की हर चीज को कैमरे में कैद किया और जनजातीय जीवनशैली की उपयोगिता को अपनी डायरी में दर्ज किया।

    विद्यालय प्रबंधन समिति व अभिभावकों ने पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया। अतिथियों के हाथ धुलाकर, फूल-मालाएं और पत्ते की टोपियां पहनाकर सम्मान किया गया। इस दौरान मांदल और नगाड़े की थाप पर स्कूली बच्चों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत कर आगंतुकों की अगुवाई की।

    स्वागत दल में विद्यालय के प्रभारी जगदीश चंद्र सावैयां, विज्ञान शिक्षक देवानंद तिरिया, मेनंती पिंगुवा, कविता महतो, चंद्रशेखर तामसोय, हो शिक्षक सुभाष हेम्ब्रम, पारंपरिक वाद्य प्रशिक्षक बलभद्र हेम्ब्रम, ग्राम मुंडा श्याम पिंगुवा, राज्य साधनसेवी शिक्षक कृष्णा देवगम व मंगल सिंह मुंडा, एसएमसी अध्यक्ष चंद्रमोहन पिंगुवा, बाल संसद अध्यक्ष संगीता पुरती, डाकुवा जगराय पिंगुवा समेत बड़ी संख्या में अभिभावक उपस्थित रहे।

    वर्ष 2017 में तत्कालीन कोल्हान प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक अरविंद विजय बिलुंग की प्रेरणा से स्थापित यह संग्रहालय अब विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। इससे पहले नीदरलैंड के इतिहासकार पॉल स्ट्रूमर भी वीर योद्धा पोटो हो की जीवन गाथा का अध्ययन करने के क्रम में यहां आ चुके हैं।

    उधर, विदेशी पर्यटकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए बुद्धिजीवियों और शिक्षकों के बीच चाईबासा स्थित टाटा कॉलेज कॉलोनी विद्यालय के संग्रहालय को पुनर्स्थापित करने की मांग तेज हो गई है।

    यह संग्रहालय स्थानीय विधायक दीपक बिरुवा के फंड से निर्मित है, किंतु सामग्रियां क्षतिग्रस्त होने के कारण फिलहाल भवन का उपयोग शिक्षण कार्यों में किया जा रहा है।।