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    चाईबासा-हाटगम्हरिया नेशनल हाइवे मार्ग का निर्माण कार्य अब भी अधूरा, गूगल मैप भी नहीं दिखा रास्ता

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 02:17 AM (IST)

    पश्चिमी सिंहभूम जिले का चाईबासा-हाटगम्हरिया नेशनल हाईवे 75ई सात-आठ साल से जर्जर है। 184.53 लाख की लागत से बनने वाली सड़क का काम अधूरा है जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं। यात्री वाहन नहीं चलने से ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। सड़क का निर्माण मार्च 2026 तक पूरा होने की संभावना है।

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    चाईबासा-हाटगम्हरिया नेशनल हाइवे मार्ग का निर्माण कार्य अधूरा। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिले का बहुचर्चित चक्रधरपुर-चाईबासा-हाटगम्हरिया नेशनल हाईवे 75ई पिछले सात-आठ वर्षों से जर्जर हालत में पड़ा है। स्थिति इतनी खराब है कि गूगल मैप भी चाईबासा-झींकपानी-हाटगम्हरिया मार्ग को दिखाने से इनकार कर रहा है।

    सर्च करने पर गूगल वैकल्पिक रास्ते सिंहपोखरिया-सेरेंगसिया-जगन्नाथपुर या सिंहपोखरिया-बलंडिया भाया हाटगम्हरिया दिखा रहा है। इस सड़क का निर्माण कार्य 17 जनवरी 2023 को शुरू हुआ था। 184.53 लाख रुपये की लागत से बनने वाली इस 30 किलोमीटर लंबी सड़क को 16 जुलाई 2024 तक पूरा होना था।

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    लेकिन तय समय सीमा बीत जाने के बाद भी कार्य अधूरा है। सड़क निर्माण कर रही कंपनी आरकेएस कंस्ट्रक्शन की धीमी कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। वर्तमान में केवल बीडीएम लेयर यानी निचले हिस्से का कालीकरण किया गया है, जबकि बीसी लेयर (ऊपरी कालीकरण) का काम बाकी है।

    कई जगह नाली और पुलिया का कार्य भी अधूरा पड़ा है। विभाग का अनुमान है कि अब यह सड़क मार्च 2026 तक ही पूरी हो पाएगी।

    खनन क्षेत्र की लाइफलाइन

    चाईबासा-हाटगम्हरिया-जैंतगढ़ एनएच 75ई सड़क खनन क्षेत्र की लाइफलाइन मानी जाती है। रोजाना हजारों आयरन ओर ट्रक इसी मार्ग से गुजरते हैं लेकिन जर्जर स्थिति के कारण आए दिन सड़क हादसे होते हैं।

    बीते दिनों झींकपानी पेट्रोल पंप के पास सड़क दुर्घटना में एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने आठ घंटे तक सड़क जाम कर अपना आक्रोश जताया।

    देश का पहला एनएच, जहां 30 किमी तक नहीं चलता यात्री वाहन

    चाईबासा-हाटगम्हरिया सड़क की दूरी लगभग 30 किलोमीटर है। खराब हालत के कारण पिछले पांच वर्षों से यात्री वाहन इस मार्ग पर नहीं चल रहे। शायद यह देश का पहला नेशनल हाईवे है जहां 30 किलोमीटर तक लोगों को यात्री वाहनों की सुविधा नहीं मिलती।

    ग्रामीणों को मजबूरी में बलंडिया-सिंहपोखरिया रोड या सेरेंगसिया-जगन्नाथपुर रोड से आना-जाना पड़ता है। इन रास्तों पर रात में सन्नाटा छा जाता है और आए दिन लूटपाट जैसी घटनाएं होती रहती हैं। चाईबासा-हाटगम्हरिया एनएच 75ई केवल एक सड़क नहीं, बल्कि पूरे खनन क्षेत्र की जीवनरेखा है।

    इसके अधूरे रहने से न केवल दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा है, बल्कि ग्रामीणों का आर्थिक व सामाजिक जीवन भी प्रभावित हो रहा है। अब सभी की नजरें प्रशासन और ठेकेदार कंपनी पर टिकी हैं कि क्या यह सड़क वास्तव में मार्च 2026 तक पूरी हो पाएगी या नहीं।

    चार रेल ओवरब्रिज निर्माण में पेंच

    इस एनएच पर चार रेल ओवरब्रिज (आरओबी) बनने हैं। प्रत्येक आरओबी के साथ लगभग 1 से 1.5 किलोमीटर सड़क का निर्माण भी होना है, लेकिन इस कारण लगभग छह किलोमीटर सड़क निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया है।

    वहीं, आरओबी निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में आशंका है कि एनएच का मुख्य कार्य पूरा होने के बाद भी लोगों की परेशानी कम नहीं होगी। लोगों का कहना है कि सड़क की जर्जर स्थिति ने उनके जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है।

    सड़क की स्थिति पिछले 7-8 साल से खराब है। दो साल पहले काम शुरू हुआ, लेकिन समय सीमा पार होने के बाद भी अधूरा पड़ा है। - माना कुंकल, हाटगम्हरिया।

    चाईबासा-हाटगम्हरिया नेशनल हाइवे की हालत जर्जर है। भारी वाहनों की वजह से आए दिन हादसे होते हैं। इसे जल्द पूरा किया जाए, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके। - राजेश बेनीकुल, हाटगम्हरिया

    आयरन ओर लदे भारी वाहनों के चलते बरसात में कीचड़ और गर्मी में धूल से लोग परेशान रहते हैं। सड़क पूरा होना जरूरी है।- गारदी पुरती, नुरदा

    सड़क खराब होने से लोग बेरोजगार हो गए हैं। सड़क किनारे की दुकानें बंद हो चुकी हैं और साप्ताहिक हाट भी ठप हो गया है क्योंकि यात्री वाहन चलना बंद हो गया है। - पोंडा सिंकु, नुरदा।