कोल्हान में फिर गूंजे गजराजों की चिंघाड़, गोइलकेरा में फसलों संकट, वन विभाग बेखबर!
गोइलकेरा में हाथियों के झुंड के घुसने से ग्रामीणों में दहशत है। हाथियों ने खेतों में खड़ी धान की फसलों को रौंद दिया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान की आशंका है। वन विभाग की उदासीनता से ग्रामीणों में नाराजगी है। झुंड गोइलकेरा-मनोहरपुर मार्ग पर घूम रहा है, जिससे लोगों में डर का माहौल है।

गोइलकेरा में झुंड से बिछड़ा एक गजराज कर रहा विचरण।
संवाद सूत्र, गोइलकेरा । कोल्हान की शांत वादियों में एक बार फिर गजराजों की चिंघाड़ गूंज उठी है। गोइलकेरा प्रखंड के कई गांवों में हाथियों का झुंड प्रवेश कर चुका है, जिससे ग्रामीणों में अफरा-तफरी मची हुई है। खेतों में पक रही धान की फसलें इन विशालकाय मेहमानों के निशाने पर हैं। दिन में सड़क और गांवों के आसपास घूमते गजराज अब रात में भी डेरा डालने लगे हैं, जिससे लोगों की नींद उड़ गई है। जानकारी के अनुसार, यह झुंड आनंदपुर की ओर से गोइलकेरा के इलाके में प्रवेश किया है और लगातार इधर-उधर घूम रहा है। वन विभाग ने फिलहाल स्थिति पर नजर बनाए रखने की बात कही है।
जानें कोल्हान में हाथियों का उत्पात
वर्ष स्थान घटना विवरण
2018 चाईबासा, सोनुवा हाथियों के झुंड ने कई घरों को नुकसान पहुंचाया, एक व्यक्ति की मौत।
2019 सरायकेला खेतों में तबाही, दर्जनों एकड़ फसल नष्ट।
2020 मंझगांव गजराजों ने दो ग्रामीणों को कुचला, प्रशासन ने दी मुआवजा राशि।
2022 चक्रधरपुर गांव में प्रवेश कर हाथियों ने तीन मकानों को गिराया, ग्रामीणों ने रातभर पहरा दिया।
2023 खूंटी-गोइलकेरा सीमा झुंड ने खेतों और धान की बालियों को रौंदा, एक ट्रक पर हमला किया।
2025 (वर्तमान) गोइलकेरा 10–12 हाथियों का झुंड गांवों में सक्रिय, फसलों को नुकसान और ग्रामीणों में दहशत।

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