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    पश्चिमी सिंहभूम में सरकारी राशि का गबन, अंचल अधिकारी ने क्लर्क को जारी किया नोटिस

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 02:18 PM (IST)

    पश्चिमी सिंहभूम के खूंटपानी अंचल कार्यालय में लिपिक पर लगभग 4.93 लाख रुपये के गबन का आरोप है। जांच रिपोर्ट के आधार पर अंचल अधिकारी ने नोटिस जारी कर राशि जमा करने का निर्देश दिया है। ऑडिट में अग्रिम राशि, लगान और योजनाओं में गड़बड़ी पाई गई। राशि जमा न करने पर प्राथमिकी दर्ज करने की चेतावनी दी गई है।

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     खूंटपानी अंचल कार्यालय में लिपिक पर लगभग 4.93 लाख रुपये के गबन का आरोप

    जागरण संवाददाता, चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिला के अंचल कार्यालय खूंटपानी में पदस्थापन के दौरान वित्तीय अनियमितताओं का मामला सामने आया है। हाटगम्हारिया प्रखंड में कार्यरत निम्न वर्गीय लिपिक विवेक कुमार पर करीब 4.93 लाख रुपये गबन करने का आरोप लगा है। अंचल अधिकारी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर नोटिस जारी करते हुए तय समय सीमा के भीतर पूरी राशि जमा करने का निर्देश दिया है।

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    ऑडिट टीम की रिपोर्ट में कई गड़बड़ियां उजागर

    रिपोर्ट के अनुसार लिपिक द्वारा सेवा अवधि में 1.35 लाख रुपये अग्रिम लिए गए थे। इसमें से 35 हजार रुपये अब तक वापस नहीं किए गए, जिसका ब्याज सहित कुल बकाया 56 हजार रुपये बनता है। इसके अलावा मानकी-मुण्डा से प्राप्त 12,995 रुपये लगान राशि को जमा न कर गबन करने का आरोप है, जिसकी ब्याज सहित देय राशि 17,675 रुपये निर्धारित की गई है।

    दो वित्तीय वर्षों में भी लगान राशि गबन

    वित्तीय वर्ष 2020-21 में 28,457 रुपये और 2021-22 में 26,972 रुपये लगान राशि गबन बताई गई है। ब्याज जोड़ने पर दोनों की कुल राशि करीब 85,451 रुपये बनती है।

    सबसे बड़ा घोटाला योजनाओं की राशि में

    सोना–सोबरन, धोती–साड़ी–लूंगी योजना और पंचायत चुनाव 2015 से जुड़ी मदों में 1,52,020 रुपये गबन का मामला भी सामने आया है। ब्याज मिलाकर यह राशि बढ़कर 3,34,444 रुपये हो चुकी है।

    19 नवंबर तक जमा नहीं किया तो प्राथमिकी दर्ज होगी

    अंचल अधिकारी ने नोटिस में स्पष्ट कहा है कि सभी मदों की कुल राशि 4,93,570 रुपये 19 नवंबर 2025 तक अंचल नजारत में जमा करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर लिपिक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।


    मामले की प्रतिलिपि प्रखण्ड विकास पदाधिकारी हाटगम्हारिया, जिला स्थापना उपसमाहर्त्ता तथा उपायुक्त पश्चिमी सिंहभूम को भेजी गई है। प्रशासनिक हलकों में इसे वित्तीय अनुशासन सख्त करने की दिशा में बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।