चाईबासा जाने के क्रम में रोके जाने पर भड़के चम्पाई... ऐसा क्या बाेला कि सन्न रह गई पुलिस
चाईबासा में पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने 29 अक्टूबर को कोल्हान क्षेत्र में बंद का आह्वान किया। उन्हें चाईबासा जाने से रोका गया, जिसके बाद उन्होंने सरकार से गिरफ्तार आदिवासियों को रिहा करने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने आदिवासी विरोधी नीतियों का आरोप लगाते हुए 15 नवंबर के बाद आंदोलन की चेतावनी दी।

चाईबासा जाने के क्रम में पुलिस ने चम्पाई सोरेन के काफिला को रोका।
संवाद सहयोगी, चाईबासा । पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा-सरायकेला सीमा स्थित कुजू गांव में सोमवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों की बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता चंपाई सोरेन ने घोषणा की कि 29 अक्टूबर को पूरे कोल्हान क्षेत्र में बंद कराया जाएगा। यह बंद चाईबासा में हुई पुलिस लाठीचार्ज और 17 आदिवासी महिला-पुरुषों की गिरफ्तारी के विरोध में किया जाएगा।
बैठक के बाद चंपाई सोरेन स्थानीय मुंडा एवं आदिवासी हो समाज महासभा के पदाधिकारियों तथा सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं के साथ सरना झंडा लेकर चाईबासा की ओर रवाना हुए। जानकारी मिलने पर चाईबासा सदर एसडीओ संदीप अनुराग टोपनो और एसडीपीओ बाहमन टुटी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल कुजू नदी पुलिया पर पहुंच गया और रास्ता बैरिकेड लगाकर रोक दिया। प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से चम्पाई सोरेन को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी।
झारखंड सरकार कंपनियों को लाभ पहुंचा रही है :
चंपाई सोरेन ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए आदिवासी विरोधी नीतियां अपना रही है। उन्होंने कहा कि दिन में नो-इंट्री हटाकर भारी वाहनों को आयरन ओर परिवहन की अनुमति दी गई है, जिससे सड़क दुर्घटनाएं बढ़ी हैं और स्थानीय लोगों की जान जा रही है। इस नीति का विरोध करने वाले आदिवासियों पर पुलिस ने बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया, जिसमें एक गर्भवती महिला सहित कई लोग घायल हुए।

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