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    राज्य सरकार का अनुबंध खत्म, चाईबासा सहित सभी सदर अस्पतालों में मेडाल लैब बंद; गरीब मरीजों की मुश्किलें बढ़ी

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 11:32 PM (IST)

    राज्य सरकार से अनुबंध खत्म होने के बाद चाईबासा समेत सभी सदर अस्पतालों में मेडाल लैब बंद हो गई है। इससे गरीब मरीजों की परेशानी बढ़ गई है, क्योंकि उन्हें अब महंगी दरों पर निजी लैबों में जांच करानी पड़ेगी। लोगों ने सरकार से जल्द हस्तक्षेप करने की मांग की है ताकि मरीजों को राहत मिल सके।

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    चाईबासा सहित सभी सदर अस्पतालों में मेडाल लैब बंद

    जागरण संवाददाता, चाईबासा। राज्य सरकार से अनुबंध समाप्त हो जाने के कारण सदर अस्पतालों में मेडाल जांच लैब बंद कर दी गयी है। चाईबासा के सदर अस्पताल स्थित एमटीसी भवन में भी संचालित मेडाल कंपनी का जांच लैब बीते 16 अक्टूबर से बंद है। इसके कारण अस्पताल में इलाज कराने आने वाले सैकड़ों मरीजों को विभिन्न जांचों के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

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    मेडाल लैब में प्रतिदिन औसतन 150 से अधिक मरीजों के करीब 400 सैंपल की जांच होती थी। यह जांच लैब पीपीपी मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) पर राज्य सरकार और मेडाल कंपनी के बीच अनुबंध के तहत चल रही थी। लेकिन अनुबंध की अवधि समाप्त होने के बाद राज्य सरकार द्वारा अवधि विस्तार नहीं दिया गया, जिससे यह सेवा बंद करनी पड़ी। 

    मुफ्त में जांच

    लैब बंद होने से गर्भवती महिलाओं, बीपीएल, एपीएल, पीला कार्ड और लाल कार्डधारक गरीब मरीजों को सबसे अधिक कठिनाई हो रही है। पहले इन वर्गों के मरीजों का ब्लड, यूरीन सहित अन्य जांच मुफ्त में होता था। जिन मरीजों के पास राशन कार्ड नहीं था, उनसे नाममात्र शुल्क लिया जाता था। 

    लैब बंद होने के बाद निजी जांच केंद्रों की चांदी कट रही है। शहर के कई निजी लैब मनमाने दाम वसूल रहे हैं, जिससे गरीब मरीजों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। वहीं सदर अस्पताल में मौजूद सरकारी लैब में जांच की सीमित सुविधाएं हैं। 

    यहां सभी प्रकार की बीमारियों की जांच नहीं हो पाती, जिससे मरीजों को मजबूरन निजी लैब का सहारा लेना पड़ रहा है। मेडाल लैब के जिला प्रबंधक असगर अली खान ने बताया कि राज्य सरकार के साथ हमारा अनुबंध 16 अक्टूबर को समाप्त हो गया। 

    अवधि विस्तार नहीं मिलने के कारण लैब बंद करना पड़ा है। यह स्थिति पूरे राज्य में एक साथ हुई है। सरकार या जिला प्रशासन अगर पहल करता है, तो हम इसे पुनः शुरू करने पर विचार करेंगे।

    मेडाल लैब में होती थी 1500 किस्म की जांचें

    सदर अस्पताल, चाईबासा स्थित मेडाल लैब में 1500 से अधिक प्रकार की जांचें की जाती थीं। इनमें गर्भवती महिलाओं और बीपीएल परिवारों के लिए सभी जांच निशुल्क थीं। वहीं बिना कार्ड वाले मरीजों के लिए जांच शुल्क राज्य सरकार द्वारा तय दरों पर किया जाता था। लैब बंद होने से अब गरीब मरीजों को स्वास्थ्य जांच पर अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है।

    लादू पुरती ने कहा मेडाल लैब बंद होने से गरीब मरीजों को काफी परेशानी होगी। बीपीएल कार्डधारी होने के नाते हमेशा निशुल्क जांच यहां कराते हैं। अब जांच में ही एक हजार रुपये से ज्यादा पैसा लग जायेगा।

    मंगल सिंह मुंडा ने कहा सरकार को गरीब मरीजों का ध्यान रखना चाहिए था। जांच में एक अच्छी व्यवस्था थी, किस कारण बंद हुआ है पता नहीं लेकिन मेडाल लैब नियमित चलने से काफी मरीजों का आसानी होती थी।

    शिशिर पुरती ने कहा एक सप्ताह पहले ही जांच कराये थे, अचानक मेडाल लैब बंद होने से सदर अस्पताल के मरीजों का काफी परेशानी होगी। एक सरकार लैब ओपीडी में है लेकिन उसमें सीमित ही जांच होता है। बाजार में खून जांच का बहुत पैसा लगता है।

    मेडाल लैब राज्य सरकार के स्तर से बंद किया गया है। पीपीपी मोड पर यह संचालित हो रहा था, लेकिन हमें भी पर्याप्त समय नहीं मिला। मरीजों को हो रही परेशानी को देखते हुए हम उपायुक्त से मिलकर वैकल्पिक व्यवस्था की मांग करेंगे। मेडाल लैब के कर्मियों को लेकर भी नई व्यवस्था बनाई जा सकती है, ताकि पहले जैसी जांच सुविधा बहाल हो सके। दूर-दराज से आने वाले गरीब मरीजों को निशुल्क और बेहतर चिकित्सा सुविधा देने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। - डॉ. शिवचरण हांसदा, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल चाईबासा।