भारत का Chocolate रेनेसांस, बेंगलुरु में शुरू हो रहा है ‘इंडियन क्राफ्ट एंड कोकोआ चॉकलेट फेस्टिवल’
अगर आप चॉकलेट खाना पसंद करते हैं, तो ज्यादा हद तक संभावना है कि आप भी वहीं दो-तीन विदेशी ब्रांड की चॉकलेट खा रहे होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं इनसे ज्यादा अच्छी क्वालिटी की चॉकलेट इंडिया में बनाई जाती हैं, लेकिन फिर भी भारतीय इन ब्रांड्स को ज्यादा तरजीह नहीं देते। लेकिन ऐसा क्यों और दिसंबर में होने वाला इंडियन क्राफ्ट एंड कैकाओ चॉकलेट फेस्टिवल क्या है?

क्यों भारतीय पसंद करते हैं विदेशी ब्रांड की चॉकलेट? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत उन चुनिंदा देशों में से है जहां कोको की खेती खुद देश की गर्म धूप और उपजाऊ मिट्टी में होती है। दक्षिण भारत में केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु, आज देश के सबसे बड़े कोको हब बन चुके हैं। इसके बावजूद, भारतीयों की पसंद अब भी चॉकलेट के विदेशी ब्रांडों की तरफ झुकी रहती है। ऐसा क्यों?
इस सावल को अंतरराष्ट्रीय चॉकलेट ब्लॉगर और टेस्टिंग एक्सपर्ट शैरन टेरेंजी ने अपने एक वीडियो में उठाया। उनके मुताबिक भारत में क्रॉप-टू-बार मेकर्स और अनुभवी कोको किसानों का एक ऐसा समुदाय है, जो हाई क्वालिटी वाली चॉकलेट बना रहा है, वो भी अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड जीतने लायक। फिर भी, इंडियन कन्ज्यूमर्स बड़े पैमाने पर बनने वाली, लो क्वालिटी वाली विदेशी चॉकलेट को ही तरजीह देते हैं। यह एक तरह का ‘चॉकलेट कॉन्ट्राडिक्शन’ बन गया है।
हालांकि, अब धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है। इसके लिए भारत में चॉक्लेट फेस्टिवल का आयोजन हो रहा है, जो चॉकलेट लवर्स के लिए किसी जन्नत से कम नहीं होने वाला है। आइए सबसे पहले जानते हैं कि क्यों भारतीय विदेशी चॉकलेट ब्रांड्स को ज्यादा पसंद करते हैं और फिर जानेंगे इस अमेजिंग चॉकलेट फेस्टिवल के बारे में।
विदेशी चॉकलेट की लोकप्रियता के पीछे कारण क्या?
- कीमत का बड़ा रोल- इंडियन कन्ज्यूमर्स की सबसे बड़ी दलील यह रहती है कि लोकल क्राफ्ट चॉकलेट महंगी पड़ती है। 200 ग्राम की बार 300-400 रुपये तक बिकते हैं, जबकि एक विदेशी मास-मार्केट चॉकलेट 100 रुपये के अंदर मिल जाती है।
- पहचान और मार्केटिंग का असर- विदेशी चॉकलेट ब्रांड्स ने दशकों में भारतीय स्वाद पर गहरी पकड़ बना ली है। बड़ी मार्केटिंग, आसान उपलब्धता और किफायती कीमतें उन्हें फर्स्ट चॉइस बनाती हैं।
- भारतीय कोको की क्वालिटी पर बहस- कुछ लोगों का मानना है कि भारत की जलवायु प्रीमियम कोको के लिए सही नहीं है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सही फॉर्मिंग और फर्मेंटेशन तकनीक से भारतीय कोको आज दुनिया में अपनी जगह बना रहा है।
अब भारत में शुरू हो रहा है ‘चॉकलेट रेनैसांस’
अच्छी बात यह है कि तस्वीर तेजी से बदल रही है। भारत में क्राफ्ट चॉकलेट मूवमेंट तेज हो रहा है। नए कोको वेराइटीज, बेहतर फर्मेंटेशन सिस्टम और पैशनेट चॉकलेट मेकर्स के साथ एक नई चॉकलेट संस्कृति विकसित हो रही है। यही बदलाव मनाने के लिए Indian Craft & Cacao Chocolate Festival आयोजित किया जा रहा है।

Indian Craft & Cacao Chocolate Festival क्या है?
5, 6 और 7 दिसंबर को बैंगलोर में होने वाला यह फेस्टिवल भारतीय चॉकलेट को सेलिब्रेट करने का एक मौका है। तीन दिनों तक आप भारतीय क्राफ्ट चॉकलेट की पूरी दुनिया में डूबने का मौका पाएंगे। इसमें टेस्टिंग, वर्कशॉप्स, लाइव इंटरेक्शन और भी बहुत कुछ करने क मौका मिलेगा।
फेस्टिवल की खासियतें
इस फेस्टिवल में सैकड़ों तरह की इंडियन बीन्स-टू-बार चॉकलेट का स्वाद ले सकते हैं, 10 से ज्यादा इंटरैक्टिव वर्कशॉप्स होंगे और लोकल कोको किसानों और क्राफ्ट मेकर्स से मुलाकात करके चॉकलेट मेकिंग औक कोको फार्मिंग के बारे में दिलचस्प बातें जान सकते हैं। साथ ही, इस फेस्टिवल में टॉप भारतीय ब्रांड्स का एक साथ जमावड़ा होगा, जिसमें कई ब्रांड इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान बना चुके हैं। कल्पना कीजिए देश की बेहतरीन चॉकलेट एक ही जगह पर और आप उन्हें खुद चख रहे हैं!
इसलिए आपको भी इस फेस्टिवल में शामिल होने जरूर जाना चाहिए। आपको यहां पर काफी अच्छा एक्सपीरिएंस करने का मौका मिल सकता है। साथ ही, आपको तरह-तरह के हाई क्वालिटी इंडियन ब्रांड्स को जानने का मौका भी मिलेगा।

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