सिर्फ मीठा खाने से नहीं; इन 7 आदतों से भी होती है डायबिटीज, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलतियां?
भारत में डायबिटीज के बढ़त मामले इस तरह इशारा करते हैं कि हमारी दिनचर्या में कुछ ना कुछ ऐसा है जो हमें इसकी तरफ धकेल रहा है। टाइप 2 डायबिटीज हमेशा चेतावनी के साथ दस्तक नहीं देता। हमें अपने रूटीन में ही ऐसे बदलाव करने की जरूरत है, जो हमें इसके खतरे से बचाए रखे।

डायबिटीज का खतरा: आपकी ये आदतें बन सकती हैं कारण (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भले ही टाइप 2 डायबिटीज होने का कोई एक कारण नहीं होता, लेकिन हमारी रोजमर्रा की आदतें या लाइफस्टाइल इसके जोखिम को बढ़ाने का काम करते हैं। आखिर हम रोजाना ऐसा क्या करते हैं जिससे इसकी आशंका बढ़ती है। हम आर्टिकल में ऐसी ही आदतों और उनसे बचने के तरीकों के बारे में जानेंगे।
ये आदतें बढ़ाती हैं जोखिम
- दिनभर बैठे रहना: अगर आप दिनभर सोफे या काउच में बैठे रहने का काम करते हैं तो इससे आपको मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। इससे आपके शरीर के ब्लड शुगर को हैंडल करने की क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे में आप किसी भी प्रकार की एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते तो खतरा और भी बढ़ जाता है।
- भागते-दौड़ते या जल्दबाजी में खाना: ऐसा करना आसान और वक्त की बचत लग सकता है लेकिन आपकी पूरी सेहत पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। खासकर अगर आप घर पर ब्रेकफास्ट न करके फास्टफूड से अपना पेट भरते हैं तो ज्यादा कैलोरी लेने का खतरा बढ़ता है।
- खाना टालना: अगर आप दिन में अपने सारे मील नहीं लेते तो यह आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। ऐसा करने से आप ओवरईटिंग के शिकार हो जाते हैं या फिर बिना सोचे-समझे अनहेल्दी स्नैकिंग करते हैं।
- पूरी नींद नहीं लेते: अच्छी तरह नींद नहीं लेने से इंसुलिन को लेकर आपकी बॉडी की प्रतिक्रिया प्रभावित होती है। हर रात छह घंटे से भी कम की नींद लेने वाले लोगों में डायबिटीज, हार्ट डिजीज और मोटापे का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
- तनाव को करते हैं नजरअंदाज: रोजमर्रा में थोड़ा बहुत तनाव तो हर किसी को होता है लेकिन जरूरत से अधिक स्ट्रेस कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा देता है। इसका असर आपकी भूख, ब्लड शुगर और सोने के पैटर्न पर पड़ता है। तनाव में व्यक्ति बहुत ज्यादा खाने लगता है या फिर उसकी भूख खत्म हो जाती है।
ऐसे कर सकते हैं बचाव
- अगर आपका काम लंबे समय तक बैठे रहने का है तो भी हर 30 से 60 मिनट में ब्रेक लेने की कोशिश करें। हर दिन कम से कम 30 से 40 मिनट की हल्की-फुल्की फिजिकल एक्टिविटी का रूटीन बनाएं।
- आप रोज ही अपना ब्रेकफास्ट गाड़ी में या चलते-फिरते करते हैं, तो हेल्दी ऑप्शन चुनें। बाहर से भी ऑर्डर करने के दौरान हाई सोडियम और फैट का ध्यान रखें।
- हर पहर के खाने का अपना महत्व होता है इसलिए मील छोड़ें नहीं, बल्कि खाने का एक नियमित पैटर्न तय करें। ज्यादा से ज्यादा घर का बना खाना ही खाएं। स्नैक में भी ग्रीक योगर्ट के साथ बेरीज या फिर नट्स या सीड्स का ही ऑप्शन चुनें।
- सोने के समय को कम न करें। हर रोज कम से कम छह से सात घंटे की नींद जरूर लें। हर दिन इसके लिए प्रयास करें और सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जैसी चीजों से दूरी भी कारगर हो सकती है।
- अगर हर दिन ही आप तनाव में रहते हैं तो इसे हल्के में ना लें। उसके मूल कारण को जानें। ब्रीदिंग एक्सरासाइज, स्ट्रेचिंग, वॉक जैसी एक्टिविटी से दूर करने की कोशिश करें। जरूरत पड़ने पर एक्सपर्ट की मदद लेने से हिचकिचाएं नहीं।

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