बिना सीने में दर्द उठे भी पड़ सकता है दिल का दौरा, साइलेंट हार्ट अटैक की करें 7 लक्षणों से पहचान
क्या आपने साइलेंट हार्ट अटैक का नाम सुना है? दरअसल, यह भी दिल का दौरा ही होता है, लेकिन इसमें कोई लक्षण दिखाई नहीं देते या लक्षण बेहद असमान्य (Silent ...और पढ़ें

कैसे होते हैं साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं हर बार हार्ट अटैक आने पर सीने में दर्द नहीं होता? जी हां, हार्ट अटैक बिना किसी साफ लक्षण के भी आ सकता है, जिसे साइलेंट हार्ट अटैक (Silent Heart Attack) कहा जाता है। यह और भी ज्यादा खतरनाक होता है, क्योंकि इसमें व्यक्ति को शुरुआत में समझ ही नहीं आता कि उसे हार्ट अटैक आ रहा है।
साइलेंट हार्ट अटैक में लक्षण (Symptoms of Silent Heart Attack) इतने हल्के या असामान्य होते हैं कि व्यक्ति इसे अक्सर नजरअंदाज कर देता है या दूसरी समस्याओं से जोड़ देता है। लेकिन ऐसा करना स्थिति को और ज्यादा गंभीर बना देता है और जान बचाने की संभावना कम हो जाती है। आइए जानें साइलेंट हार्ट अटैक की पहचान कैसे कर सकते हैं।
साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण कैसे होते हैं?
- हल्की बेचैनी या दबाव- सीने में हल्की जकड़न, दबाव या असहजता जो कुछ मिनटों तक रहे और फिर चली जाए। इसे अक्सर सीने में गैस या अपच समझ लिया जाता है।
- असामान्य थकान- अचानक आने वाली बहुत ज्यादा थकान या कमजोरी, खासकर महिलाओं में, जो आराम करने के बाद भी न जाए।
- सांस में हल्की तकलीफ- बिना किसी कारण के सांस फूलना या सांस लेने में हल्की दिक्कत होना।
- अस्पष्ट दर्द- सीने के बजाय जबड़े, पीठ, गर्दन, बाजू या पेट में हल्का दर्द या असहजता महसूस होना।
- पसीना आना- अचानक ठंडा पसीना आना, जो आमतौर पर तनाव या मौसम से जोड़कर देखा जाता है।
- चक्कर आना या मतली- हल्का चक्कर आना, सिर हल्का महसूस होना या बिना कारण मतली आना।
- नींद में खलल- रात में अचानक नींद खुल जाना या बेचैनी के साथ उठना।
खतरे के कारण और रिस्क फैक्टर
साइलेंट हार्ट अटैक उन लोगों में ज्यादा होता है जिन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा या स्मोकिंग की आदत होती है। डायबिटीज के मरीजों में नर्व डैमेज के कारण दर्द का अनुभव कम हो जाता है, जिससे साइलेंट हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।

साइलेंट हार्ट अटैक का सबसे बड़ा खतरा
इसका सबसे बड़ा खतरा यही है कि व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि उसे हार्ट अटैक आया है। बिना इलाज के, दिल की मांसपेशियों को स्थायी नुकसान पहुंच सकता है और भविष्य में दिल की गंभीर समस्याओं, हार्ट फेलियर या अचानक कार्डिएक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है।

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