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    कैसे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ाता है PM2.5? समझें स्मॉग और ब्लड शुगर का सीधा कनेक्शन

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 12:41 PM (IST)

    हर सर्दी, जब दिल्ली और उत्तर भारत का एक बड़ा हिस्सा धुंध और धुएं की मोटी चादर में गुम हो जाता है, तब गले में खराश और सांस से जुड़ी तकलीफ भी आम हो जाती हैं। ऐसे में, क्या आप जानते हैं कि जिस हवा में हम सांस ले रहे हैं, वह हमारे ब्लड शुगर लेवल को भी बढ़ा सकती है? जी हां, आइए विस्तार से समझते हैं इस बारे में।

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    स्मॉग बिगाड़ सकता है आपका ब्लड शुगर लेवल (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली।जब भी दिल्ली की सर्दियां आती हैं, हवा में धुंध की मोटी परत बिछ आती है। लोग खांसी, गले में जलन और सांस फूलने की शिकायत तो करते ही हैं, लेकिन एक खतरा ऐसा भी है जो हमारी आंखों से दिखाई नहीं देता। जी हां, यह हवा हमारे ब्लड शुगर को भी चुपचाप बढ़ा सकती है (Smog And Blood Sugar Connection)। रिसर्च बताती है कि दिल्ली का स्मॉग न सिर्फ फेफड़ों के लिए, बल्कि हमारी पूरी मेटाबॉलिक हेल्थ के लिए खतरनाक बन चुका है।

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    Air Pollution Diabetes Link

    शरीर में घुसकर क्या बिगाड़ता है PM2.5?

    दिल्ली की हवा में मौजूद PM2.5 कण बेहद छोटे होते हैं। आप इन्हें देख नहीं सकते, लेकिन ये आपके शरीर में पहुंचकर अपना असर तुरंत दिखाते हैं। सांस के साथ जब ये कण भीतर जाते हैं तो सबसे पहले सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ाते हैं। इससे इंसुलिन का काम प्रभावित होता है और शरीर ग्लूकोज को सही तरह से संभाल नहीं पाता। लगातार संपर्क बनने पर टाइप-2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है।

    इसके अलावा, हवा में मौजूद प्रदूषक फ्री रेडिकल्स बढ़ाते हैं, जिससे शरीर में सूजन और इंसुलिन रेसिस्टेंस पैदा होता है (Air Pollution Effects On Insulin Resistance)। लंबे समय तक ऐसा होने पर अग्न्याशय की कोशिकाएं भी कमजोर पड़ सकती हैं।

    कई इंटरनेशनल स्टडीज में भी यह बात सामने आई है कि PM2.5 के स्तर में बढ़ोतरी से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। अध्ययन बताते हैं कि प्रदूषण वाले इलाकों में रहने वाले लोगों में डायबिटीज की संभावना ज्यादा थी, चाहे उनका BMI, एक्टिविटी लेवल या फाइनेंशियल कंडीशन कुछ भी क्यों न हो।

    किन लोगों को है ज्यादा खतरा?

    अगर आपकी उम्र ज्यादा है, फैमिली में डायबिटीज की हिस्ट्री है, आप प्रीडायबिटिक हैं या हाई-ट्रैफिक एरिया में रहते हैं, तो आपको प्रदूषण से ज्यादा बचने की जरूरत है। सर्दियों में जब स्मॉग चरम पर होता है, ब्लड शुगर कंट्रोल भी सामान्य दिनों की तुलना में कमजोर पड़ सकता है।

    बता दें, डायबिटिक लोगों की इम्युनिटी पहले ही कम होती है और प्रदूषण उनके लिए सांस से जुड़ी समस्याओं को और बढ़ा देता है। यानी असर ज्यादा तेज और लंबे समय तक रहने वाला हो सकता है।

    High Blood Sugar

    ब्लड शुगर को कैसे बढ़ाता है स्मॉग?

    प्रदूषण सिर्फ हवा को खराब नहीं करता, बल्कि यह शरीर के अंदर भी उथल-पुथल मचा देता है। स्मॉग से होने वाली सूजन और इंसुलिन रेसिस्टेंस ग्लूकोज कंट्रोल को बिगाड़ देते हैं। ऐसे में, अगर आप खाना हेल्दी खा रहे हों, एक्सरसाइज कर रहे हों और दवाइयां भी ले रहे हों, फिर भी कुछ दिनों में ब्लड शुगर अचानक बढ़ा हुआ मिल सकता है। कई लोग सर्दियों में बिना वजह आने वाले ऐसे उतार-चढ़ाव को समझ नहीं पाते, लेकिन इसकी वजह हवा में घुला यही प्रदूषण हो सकता है।

    स्मॉग वाले दिनों में क्या करें?

    अगर आप दिल्ली में रहते हैं और डायबिटिक हैं, तो आपको एक 'स्मॉग प्लान' जरूर बनाना चाहिए।

    • ब्लड शुगर की मॉनिटरिंग थोड़ा ज्यादा करें।
    • दवाइयों में खुद से कोई बदलाव न करें- डॉक्टर से ही सलाह लें।
    • खाने में एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीजें जोड़ें।
    • घर में खिड़कियां बंद रखें और HEPA फिल्टर वाला एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करें।
    • बाहर जाना पड़े तो अच्छी क्वालिटी का मास्क पहनें।
    • संभव हो तो बाहर की बजाय घर के अंदर ही वर्कआउट करें।
    • पानी खूब पिएं, ताकि शरीर में टॉक्सिन्स का असर कम हो।

    कब जाना चाहिए डॉक्टर के पास?

    अगर स्मॉग वाले दिनों में आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो देरी न करें:

    • सांस लेने में दिक्कत, सीटी जैसी आवाज
    • सीने में दर्द
    • पैरों में सूजन
    • नजर धुंधली होना
    • हल्के एक्सपोजर के बाद भी जल्दी थकान
    • पांच दिन से ज्यादा चलने वाली खांसी
    • दवा और हेल्दी डाइट के बावजूद ब्लड शुगर का अचानक बढ़ जाना

    ये संकेत इस बात के हो सकते हैं कि प्रदूषण का असर शरीर पर ज्यादा गहरा हो रहा है।

    रोजाना बरतें कुछ छोटी सावधानियां

    दिल्ली की हवा से तुरंत छुटकारा नहीं मिल सकता, लेकिन उसके असर को जरूर कम किया जा सकता है। AQI पर नजर रखें, घर के भीतर साफ हवा बनाए रखें और खाने में ऐसे फल-सब्जियां शामिल करें जो सूजन कम करने में मदद करें। प्रदूषण बढ़ने पर वर्कआउट की जगह बदलें और ब्लड शुगर पर नजर बनाए रखें।

    स्मॉग सिर्फ आंखों में जलन या खांसी तक सीमित नहीं है। यह धीरे-धीरे हमारे शरीर की सिस्टम को बदल रहा है- खासकर ब्लड शुगर को। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं या उसके जोखिम में हैं, तो जागरूक रहना बेहद जरूरी है। समय रहते उठाए गए कदम ही आपको सुरक्षित रख सकते हैं। जाहिर है, दिल्ली की हवा बदलने में समय लगेगा, लेकिन खुद को बचाने की शुरुआत आप आज से ही कर सकते हैं।

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