एसिडिटी और खट्टी डकाराें को मामूली समझने की न करें गलती, Stomach Cancer के हो सकते हैं शुरुआती संकेत
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अनहेल्दी लाइफस्टाइल अपना रहे हैं। इस कारण लोगों को कई तरह की बीमारियां घेर रही हैं। पेट से जुड़ी दिक्कतें भी काफी बढ़ गई हैं। कई बार लोग एसिडिटी की समस्या को इग्नोर कर देते हैं जो कि एक गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। वहीं अनहेल्दी लाइफस्टाइल अपना रहे हैं। इससे उन्हें कई तरह की बीमारियां जकड़ रही हैं। बाहर की चीजें खाने से और हर समय ऑयली फूड्स लेने से पेट की जुड़ी दिक्कतें भी काफी हद तक बढ़ गई हैं। कई बार लोग एसिडिटी की समस्या को इग्नोर कर देते हैं।
वहीं सीने में जलन, खट्टी डकारें आना और मोटापा को नॉर्मल समझ लिया जाता है। लेकिन अगर ये दिक्कतें लगातार बनी रहती हैं तो ये पेट के कैंसर से जुड़ा संकेत हो सकता है। समय रहते इनके लक्षणों की पहचान करते हुए इलाज न कराया जाए, तो आपकी जान भी जा सकती है। आज हम आपको इस लेख में पेट के कैंसर (Stomach Cancer) के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं। साथ ही इनके लक्षणों के बारे में भी जानेंगे।
क्या होता है गैस्ट्रिक कैंसर?
क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, पेट के कैंसर को गैस्ट्रिक कैंसर भी कहते हैं। ये आमताैर पर तब होता है जब पेट की लाइनिंग की कोशिकाएं असामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं। ये सेल्स धीरे-धीरे पेट की दीवारों के अंदर तक फैल सकती हैं। तब कैंसर कहीं भी पेट के हिस्से में हो सकता है। करीब 95% मामलों में पेट का कैंसर धीरे-धीरे पेट की लेयर से शुरू होता है। अगर इलाज न मिले तो ये सेल्स ट्यूमर (गांठ) बनाती हैं और आसपास के अंगों जैसे लिवर और पैनक्रियाज तक फैल सकती हैं।
किन लोगों को पेट का कैंसर हो सकता है?
पेट का कैंसर किसी को भी हो सकता है, लेकिन 65 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है। वहीं महिलाओं के मुकाबले पुरुष इस जानलेवा बीमारी की चपेट में ज्यादा आते हैं।
पेट के कैंसर के लक्षण
शुरुआती स्टेज में पेट का कैंसर अक्सर कोई लक्षण नहीं दिखाता। आम लक्षण जैसे अचानक वजन कम होना या पेट दर्द, ज़्यादातर देर से सामने आते हैं। पेट के कैंसर के इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज -
- भूख कम लगना
- खाना निगलने में दिक्कत होना
- थकान या कमजोरी महसूस होना
- मतली और उल्टी
- अचानक वजन कम होना
- हार्टबर्न या बदहजमी (अपच)
- मल का काला होना (स्टूल)
- खून वाली उल्टी आना
- खाने के बाद पेट भारी लगना या गैस होना
- पेट दर्द (अक्सर नाभि के ऊपर)
- थोड़ा सा खाने के बाद भी पेट भरा हुआ लगना
आपको बता दें कि ये सारे लक्षण किसी दूसरी बीमारी में भी नजर आ सकते हैं। इसलिए अगर आपको ये लक्षण महसूस होते हैं तो आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के आपको कोई भी दवाएं लेने से बचना चाहिए।
पेट का कैंसर क्यों होता है?
पेट का कैंसर तब होता है जब पेट की सेल्स के डीएनए (DNA) में बदलाव हो जाता है। डीएनए ही सेल्स को बताता है कि कब बढ़ना है और कब मरना है। जब बदलाव होता है, तो सेल्स लगातार बढ़ती रहती हैं और मरती नहीं हैं। इससे ट्यूमर बनता है और कैंसर फैल सकता है। हालांकि, इसके बढ़ने के पीछे भी कई कारण हो सकते हैं-
- परिवार में पेट के कैंसर का इतिहास
- H. pylori बैक्टीरिया का संक्रमण
- गैस्ट्रोएसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज
- गैस्ट्राइटिस (पेट की परत में सूजन)
- एपस्टीन-बार वायरस संक्रमण
- पेट के अल्सर
- ज्यादा नमक खाना
- ऑयली, स्मोक्ड और अचार खाने की आदत
- फलों और सब्जियों की कमी
- स्मोकिंग
- शराब पीना
- मोटापा
- ऑटोइम्यून एट्रॉफिक गैस्ट्राइटिस
क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, टाइप A ब्लड ग्रुप वालों में ये बीमारी ज्यादा पाई जाती है। पेट के कैंसर को पूरी तरह रोकना संभव नहीं है, लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव कर इसके खतरे को कम भले किया जा सकता है। जैसे हेल्दी डाइट लें। नमक और रेड मीट कम से कम खाएं। स्मोकिंग छोड़ दें। शराब भी न पिएं। साथ ही वजन को मेंटेन करें।
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Source-
- https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/15812-stomach-cancer
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