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    किडनी फेलियर की शुरुआत है यूरिन में दिखने वाले 2 बदलाव; देर होने से पहले कर लें पहचान

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 08:30 AM (IST)

    किडनी शरीर को टॉक्सिन से फ्री करने के लिए जरूरी मानी जाती है लेकिन जब इसकी फंक्शनिंग धीरे-धीरे कम होने लगती है तो कुछ साइन सामने आते हैं जिन्हें अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि इन लक्षणों को समय रहते समझना और डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।

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    किडनी फेलियर के शुरुआती संकेत (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारी किडनियां शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करती हैं। लेकिन जब किडनियों की फंक्शनिंग धीरे-धीरे कम होने लगती है, तो शरीर में कई छोटे-छोटे संकेत नजर आने लगते हैं, जिन्हें हम सामान्य थकान, उम्र या लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याएं मानकर नजरअंदाज कर देते हैं।

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    यही वजह है कि किडनी डिजीज अक्सर तब पकड़ में आती है जब वह गंभीर स्टेज में पहुंच जाती है। इसलिए जरूरी है कि हम इन शुरूआती संकेतों को पहचानें और समय रहते डॉक्टर से सलाह लें। तो आइए मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद में नेफ्रोलॉजी औरकिडनी ट्रांसप्लांट मेडिसिन के क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. श्री राम काबरा से जानते हैं किडनी खराब होने के कुछ ऐसे ही शुरुआती लक्षणों के बारे में जिनपर ध्यान नहीं दिया जाता है।

    बार-बार पेशाब आना या पेशाब में बदलाव

    किडनी की समस्या की शुरुआत पेशाब की आदतों में बदलाव से हो सकती है। रात में बार-बार पेशाब के लिए उठना या पेशाब की मात्रा में कमी-बढ़ोतरी एक संकेत हो सकता है।

    पेशाब में झाग या खून आना

    अगर पेशाब झागदार हो या उसमें खून नजर आए, तो ये गंभीर संकेत हैं कि किडनी सही से फिल्ट्रेशन नहीं कर रही और प्रोटीन या ब्लड यूरिन के साथ बाहर आ रहा है।

    लगातार थकान महसूस होना

    किडनी की खराबी से शरीर में एरिथ्रोपॉयटिन नामक हार्मोन की कमी हो जाती है, जिससे रेड ब्लड सेल्स कम बनती हैं और व्यक्ति को थकावट महसूस होती है।

    चेहरे या पैरों में सूजन

    किडनी सही तरीके से सोडियम और पानी को बाहर नहीं निकाल पाती, जिससे शरीर में सूजन आ सकती है, खासतौर पर चेहरे, टखनों या पैरों में।

    भूख न लगना और मतली आना

    किडनी जब टॉक्सिन्स को सही तरीके से बाहर नहीं निकाल पाती तो शरीर में ये टॉक्सिन जमा होने लगता है, जिससे मितली, उल्टी और भूख न लगने की समस्या होती है।

    सांस लेने में परेशानी

    शरीर में फ्लूइड इकट्ठा होने या एनीमिया की वजह से फेफड़ों में ऑक्सीजन कम पहुंचती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

    त्वचा पर खुजली या रूखापन

    किडनी अगर सही से वेस्ट को बाहर न निकाल पाए तो शरीर में फॉस्फोरस और अन्य तत्वों का असंतुलन त्वचा पर खुजली, ड्राइनेस या चकत्ते का कारण बन सकता है।

    इन लक्षणों को नजरअंदाज करने से आने वाले टाइम में सीरियस किडनी डिजीज का रूप ले सकता है। इसलिए अगर इनमें से कोई भी संकेत लगातार नजर आए, तो बिना देर किए डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है। किडनी की सही देखभाल ही आपको हेल्दी रखने में मददगार है।

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