पित्त की थैली में पथरी होने पर दवा के साथ सही डाइट भी है जरूरी, जानें क्या खाएं और किससे करें परहेज
ज्यादा कोलेस्ट्रॉल या बाइल जूस के कारण पित्त की थैली यानी गॉलब्लैडर में स्टोन्स हो जाते हैं। ऐसे में दवाओं के साथ-साथ डाइट पर ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है। आइए जानें पित्त की थैली में पथरी (Gallstones) होने पर मरीज को क्या-क्या खाना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए।

गॉलब्लैडर स्टोन्स के मरीजों की कैसी होनी चाहिए डाइट? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गॉलब्लैडर यानी पित्त की थैली बाइल जूस यानी पित्त को स्टोर करता है। यह खाना पचाने में काफी मदद करता है, लेकिन जब इस पित्त में कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन या अन्य तत्व असंतुलित हो जाते हैं, तो पथरी बन सकती है जिसे गैलस्टोन्स कहा जाता है। गॉलब्लैड की पथरी अक्सर चुपचाप विकसित होती है लेकिन कभी-कभी यह तेज पेट दर्द, अपच, गैस, उल्टी और सूजन जैसी तकलीफें (Gallstones Symptoms) भी देती है।
ऐसी कंडीशन में दवाओं के साथ-साथ सही खानपान अपनाना बेहद जरूरी हो जाता है। आइए जानें कि गॉलब्लैडर में पथरी होने पर किन चीजों को खाना फायदेमंद है और किनसे परहेज करना चाहिए (Gallstones Diet)।
गॉलब्लैडर के मरीजों के लिए फायदेमंद चीजें
- फाइबर से भरपूर फूड्स- साबुत अनाज, ब्राउन राइस, ओट्स, दालें, फल और हरी सब्जियां पाचन सुधारते हैं और पित्त को पतला बनाए रखते हैं।
- लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स- टोंड दूध, लो-फैट दही और पनीर से कैल्शियम मिलता है लेकिन एक्स्ट्रा फैट नहीं, जिससे पथरी बढ़ने का खतरा कम होता है।
- हेल्दी फैट्स- सीमित मात्रा में ऑलिव ऑयल, अलसी के बीज और अखरोट जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड बेस्ड फूड्स शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।
- उबला व हल्का खाना- खिचड़ी, दाल-चावल, भुनी या उबली हुई सब्जियां, मूंग दाल का सूप आदि आसानी से पच जाती हैं, जो पेट पर भार नहीं डालतीं।
- भरपूर मात्रा में पानी- दिनभर में 8-10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए, जिससे पित्त गाढ़ा न हो और पथरी का आकार न बढ़े।
गॉलब्लैडर के मरीजों के लिए हानिकारक चीजें
- तेल-घी वाला खाना- डीप फ्राई आइटम्स जैसे समोसे, पकोड़े, पूरी व अन्य भारी खाने से परहेज करें।
- रेड मीट और ज्यादा फैट वाले फूड्स- अंडे की जर्दी, मटन, चीज, बटर व क्रीम जैसी चीजें कोलेस्ट्रॉल बढ़ाकर पथरी को खराब कर सकती हैं।
- प्रोसेस्ड और फास्ट फूड- चिप्स, बिस्किट, पिज्जा, बर्गर जैसे फूड्स में ट्रांस फैट होता है जो पाचन को धीमा करता है।
- शराब और कैफीन- अल्कोहल और ज्यादा चाय-कॉफी से पित्त का असंतुलन हो सकता है।
- मसालेदार और तीखा खाना- ज्यादा मसाले दर्द, गैस और जलन को बढ़ा सकते हैं।
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