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International Men's Day 2024: क्या 40 के बाद पिता बनना मुश्किल है? डॉ. ने बताया कितना कारगर है IVF ट्रीटमेंट

बढ़ती उम्र का पुरुषों की फर्टिलिटी (Male Fertility) पर काफी गहरा असर पड़ता है। बायोलॉजिकल क्लॉक में भले ही उनके पास महिलाओं से ज्यादा वक्त हो लेकिन उम्र की दहलीज इस मामले में बड़ी भूमिका निभाती है। आइए International Mens Day 2024 के मौके पर ओएसिस फर्टिलिटी के क्लिनिकल हेड और फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ. प्रशांत कुमार नायक से समझते हैं कि 40 के बाद IVF ट्रीटमेंट कितना मददगार होता है।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Tue, 19 Nov 2024 01:14 PM (IST)
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International Men's Day 2024: 40+ में पिता बनने का सपना: IVF से संभव कैसे? जानें हर छोटी-बड़ी डिटेल (Image: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। International Men's Day 2024: एक वक्त था जब फैमिली प्लानिंग की बात पर लोग सिर्फ महिलाओं के बारे में सोचते थे, यानी यह माना जाता था कि महिलाओं के पास बच्चे पैदा करने के लिए एक खास उम्र होती है। हालांकि, अब कई शोध इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि यह बात सिर्फ महिलाओं पर लागू नहीं होती है। जी हां, दरअसल पुरुषों के साथ भी ऐसा ही होता है। भले ही बायोलॉजिकल क्लॉक में उनके लिए आमतौर पर वक्त थोड़ा ज्यादा होता है, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है तो पुरुषों में भी बच्चे पैदा करने की क्षमता कम होने लगती है। ऐसे में, इससे जुड़ी दिक्कतों (Male Fertility Challenges) को दूर करने के लिए डॉक्टर आईवीएफ जैसी तकनीक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सवाल खड़ा होता है कि क्या 40 की उम्र के बाद यह ट्रीटमेंट वाकई उतना कारगर हो पाता है? अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल में डॉक्टर ने कुछ जरूरी बातें (Fertility Health Tips) बताई हैं, जिन्हें पढ़कर आपकी हर कन्फ्यूजन दूर हो सकती है। आइए जानते हैं।

40 के बाद पिता बनने की चुनौतियां

आमतौर पर, 40 साल की उम्र के बाद पुरुषों में बच्चे पैदा करने की क्षमता कम होने लगती है। इसका मतलब है कि उनके शरीर में जो स्पर्म बच्चे पैदा करने में मदद करते हैं, उनकी संख्या कम हो जाती है और वे उतनी तेजी से नहीं चल पाते हैं। साथ ही, इनकी गुणवत्ता पर भी काफी असर पड़ता है। उम्र के साथ होने वाले इन बदलावों की वजह से पुरुषों को बच्चे पैदा करने में ज्यादा समय लग सकता है या फिर उन्हें डॉक्टर की मदद लेनी पड़ सकती है। 45 साल से ज्यादा की उम्र के पुरुषों को बच्चे पैदा करने में और भी ज्यादा मुश्किल होती है। अगर वे डॉक्टर की मदद भी लेते हैं, तो भी बच्चे पैदा होने की संभावना कम हो जाती है और गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर बताते हैं कि सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि पिता की उम्र बच्चे की सेहत पर भी काफी असर डालती है। इसका मतलब है कि अगर पिता की उम्र ज्यादा है, तो बच्चे में कुछ बीमारियां जैसे ऑटिज्म होने का खतरा बढ़ जाता है।

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पुरुषों की उम्र और आईवीएफ की सफलता

आईवीएफ यानी टेस्ट ट्यूब बेबी का प्रोसेस पुरुषों के स्पर्म पर बहुत निर्भर करता है, यानी जैसे-जैसे पुरुष की उम्र बढ़ती है, उनके स्पर्म कमजोर हो जाते हैं और एग को ठीक से फर्टिलाइज नहीं कर पाते हैं। इससे बच्चा पैदा करने में मुश्किल होती है और कई बार कोशिश करने के बाद भी बच्चा नहीं हो पाता है। डॉक्टर बताते हैं कि अगर पुरुष की उम्र 41 साल से ज्यादा है, तो आईवीएफ असफल होने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों को कई बीमारियां भी घेर सकती हैं जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हार्मोन में गड़बड़ी। ये बीमारियां स्पर्म बनाने की प्रक्रिया को और भी खराब कर देती हैं और बच्चा पैदा करने में और ज्यादा मुश्किलें पैदा हो जाती हैं।

बढ़ती उम्र में आईवीएफ कैसे मदद करता है?

  • इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई): इस तकनीक से स्पर्म को सीधे अंडे में डाला जाता है। इससे उन पुरुषों को भी बच्चे पैदा करने का मौका मिल जाता है जिनके स्पर्म कमजोर या धीमे होते हैं।
  • स्पर्म जमा करना (स्पर्म फ्रीजिंग): जो पुरुष अभी बच्चे नहीं चाहते, वे अपनी युवावस्था में ही स्पर्म फ्रीज करवा सकते हैं। जब वे भविष्य में बच्चे पैदा करने का फैसला करते हैं, तो फ्रीज हुए स्पर्म का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग (पीजीटी): इस टेस्ट से यह पता लगाया जाता है कि कौन-सा भ्रूण स्वस्थ है। इससे गर्भपात होने या बच्चे में बीमारी होने का खतरा कम हो जाता है।
पुरुषों में बच्चे पैदा करने की क्षमता उम्र के साथ कम होती जाती है। ऐसे में, 40 साल की उम्र के बाद बेबी प्लानिंग कर रहे हैं तो डॉक्टर से कुछ जरूरी टेस्ट जरूर करवा लेने चाहिए। इन टेस्ट में स्पर्मओं के साथ-साथ शरीर की सामान्य स्थिति का भी पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा हेल्दी खानपान, स्ट्रेस, स्मोकिंग और शराब से दूरी बनाकर पुरुष स्पर्म की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं और आईवीएफ जैसे ट्रीटमेंट्स में सफलता मिलने की संभावना को भी बढ़ा सकते हैं।

जाहिर है, पुरुषों की उम्र का उनके बच्चे पैदा करने की क्षमता पर काफी असर पड़ता है, लेकिन बहुत से लोग इस बात को नहीं जानते हैं। जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, उसके शरीर में बनने वाले स्पर्म की गुणवत्ता खराब होने लगती है। इससे न सिर्फ गर्भधारण में मुश्किल होती है, बल्कि पैदा होने वाले बच्चे की सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है। हालांकि, आजकल कई ऐसे तरीके हैं जिनसे उम्र बढ़ने के बावजूद भी बच्चा पैदा किया जा सकता है, जैसे कि आईवीएफ। हालांकि, अगर किसी पुरुष की उम्र 40 साल से ज्यादा है और वह फैमिली प्लानिंग कर रहा है तो उसे जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलकर कंसल्ट करना चाहिए, जिससे समय रहते सही ट्रीटमेंट करवाया जा सके।

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