अचानक नहीं शुरू होती दिल की बीमारियां, सालों पहले शरीर देने लगता है यह एक संकेत; ऐसे करें पहचान
कई लोग ऐसा मानते हैं कि दिल की बीमारियां अचानक होती हैं लेकिन ऐसा नहीं है। इसके शुरुआती संकेत (Early Signs of Heart Disease) बीमारी पता चलने से कई साल पहले से ही शरीर में नजर आने लगते हैं। हालांकि ज्यादातर लोग इसे इग्नोर कर देते हैं। आइए जानें क्या है वह एक लक्षण जो दिल की बीमारियों का पता लगाने में हमारी मदद कर सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दिल की बीमारियां (Heart Disease) आज दुनिया भर में मौत के सबसे प्रमुख कारणों में से एक हैं। अक्सर हमें इसका पता तब चलता है जब हमारा कोलेस्ट्रॉल या ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। लेकिन इन समस्याओं के नजर आने से पहले ही इसकी शुरुआत हो चुकी होती है।
जी हां, एक स्टडी में पता चला है कि दिल से जुड़ी बीमारियों का पता लगने से सालों पहले ही वे धीरे-धीरे विकसित होने लगती हैं और हमारा शरीर इसका संकेत भी देता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि अगर वक्त पर इन संकेतों (Signs of Heart Disease) की पहचान कर ली जाए, तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। आइए जानें कब दिखना शुरू हो जाता है दिल की बीमारियों का संकेत और इसकी पहचान कैसे करें।
कब दिखता है हार्ट डिजीज का पहला संकेत?
इस स्टडी के मुताबिक जिन लोगों को बाद में दिल से जुड़ी समस्याएं, जैसे- हार्ट अटैक, स्ट्रोक या हार्ट फेलियर हुआ, उनकी फिजिकल एक्टिविटी लगभग 12 साल पहले से कम होने लगी थी। यानी, दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ने से एक दशक पहले ही शरीर में बदलाव शुरू हो जाते हैं।
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क्या है दिल की बीमारियों का पहला संकेत?
इस रिसर्च में 3,000 से ज्यादा वयस्कों को उनके 20-30 साल की उम्र से लेकर मिड एज तक ट्रैक किया गया। नतीजे बताते हैं कि जिन लोगों को बाद में हार्ट डिजीज हुआ, उनकी फिजिकल एक्टिविटी दूसरों की तुलना में काफी पहले से कम होने लगी। खासकर, बीमारी का पता लगने से लगभग 2 साल पहले यह गिरावट तेज हो जाती है।
यहां सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह बदलाव कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर या अन्य रिस्क फैक्टर्स से पहले शुरू हो जाता है। मतलब, आपका शरीर आपको चेतावनी दे रहा होता है, लेकिन आप उसे नजरअंदाज कर देते हैं।
दिल की बीमारियों के शुरुआती संकेत कैसे पहचानें?
- थकान और सांस फूलना- सामान्य काम करने में भी जल्दी थकान या सीढ़ियां चढ़ने पर सांस फूलना दिल की कमजोरी का संकेत हो सकता है।
- सीने में हल्का दबाव या बेचैनी- छाती में भारीपन, जलन या दर्द की शिकायत हो तो इसे नजरअंदाज न करें।
- अनियमित धड़कन- दिल की धड़कन का तेज या अनियमित होना भी चेतावनी हो सकता है।
- पैरों में सूजन- दिल ठीक से खून पंप नहीं कर पा रहा, तो पैरों और टखनों में सूजन आ सकती है।
- अचानक वजन बढ़ना- कम समय में वजन बढ़ना दिल की काम करने की क्षमता में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।
दिल को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें?
- नियमित एक्सरसाइज- रोजाना 30-45 मिनट की मॉडिरेट फिजिकल एक्टिविटी, जैसे- ब्रिस्क वॉकिंग, साइकिलिंग आदि दिल को मजबूत बनाती है।
- हेल्दी डाइट- ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और ओमेगा-3 से भरपूर डाइट लें। प्रोसेस्ड फूड और ज्यादा नमक से बचें।
- स्ट्रेस मैनेजमेंट- योग, ध्यान और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज तनाव कम करते हैं।
- नियमित चेकअप- 30 की उम्र के बाद कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल की जांच कराते रहें।
- स्मोकिंग और शरब से दूरी- ये दोनों ही दिल की बीमारियों के अहम रिस्क फैक्टर हैं।
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Source:
Jama Network: https://jamanetwork.com/journals/jamacardiology/article-abstract/2836452
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