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    महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है मेनोपॉज, इन लक्षणों को पहचानकर बचा सकते हैं जान

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 06:01 PM (IST)

    मेनोपॉज महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है जिसमें पीरियड्स बंद हो जाते हैं। इस दौरान हार्मोनल बदलावों के कारण हॉट फ्लैश और मूड स्विंग जैसी समस्याएं होती हैं। एस्ट्रोजन की कमी के कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। सीने में दर्द सांस लेने में तकलीफ और थकान जैसे लक्षणों को पहचानकर समय रहते सावधानी बरतनी चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर दिल का ख्याल रखना जरूरी है।

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    मेनोपॉज में हार्ट अटैक का खतरा जानिए कारण और लक्षण (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। महिलाओं को अपने जीवन में कई तरह के पड़ावों से गुजरना पड़ता है। मेनोपॉज इन्हीं में से एक है, जो एक महिला के जीवन में सेहत के प्रमुख पड़ावों में से एक है। यह महिलाओं के शरीर में होने वाला एक अहम बदलाव है, जिसमें उनके पीडियड्स बंद हो जाते हैं। हालांकि, इस दौरान उन्हें काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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    मेनोपॉज के दौरान होने वाले हार्मोनल उतार-चढ़ाव की वजह से उन्हें हॉट फ्लैश और मूड स्विंग जैसे लक्षणों से परेशान होना पड़ता है। हालांकि, इस दौरान महिलाओं के लिए एक और खतरनाक स्थिति का खतरा बढ़ जाता है। जी हां, इस दौरान महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा भी जाता है। आइए जानते हैं क्यों मेनोपॉज में बढ़ता है इसका खतरा और किन लक्षणों की मदद से समय रहते कर सकते हैं इसकी पहचान-

    क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा?

    मेनोपॉज के बाद हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण एस्ट्रोजन की कमी है। दरअसल, मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन में तेज कम होने लगता है और एस्ट्रोजन एक महत्वपूर्ण हार्मोन है, जो हार्ट हेल्थ को बनाए रखने में मदद करता है।

    एस्ट्रोजन ब्लड वेसल्स को रिलैक्स रखने, ब्ल फ्लो बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है। जैसे-जैसे एस्ट्रोजन लेवल कम होता है, ब्लड प्रेशर बढ़ता है, कोलेस्ट्रॉल लेवल बदलता है और दिल के आसपास चर्बी बढ़ती है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।

    महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण

    • सीने में दर्द या बेचैनी: महिलाओं को पीठ, गर्दन, जबड़े या बाहों में दर्द के अलावा सीने में सामान्य बेचैनी का अनुभव होता है।
    • सांस लेने में तकलीफ: हल्की- सी फिजिकल एक्टिविटी करते समय भी सांस लेने में कठिनाई हार्ट अटैक का संकेत हो सकती है।
    • दिल धड़कन तेज होना: अनियमित दिल की धड़कन या धड़कन रुकी हुई महसूस होना, भी हार्ट अटैक का संकेत है।
    • चक्कर आना या हल्कापन: अगर आपको बेहोशी और अस्थिरता महसूस हो रही है, तो इसे हल्के में न लें।
    • थकान: बिना वजह थकान या कमजोरी महसूस करना भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।

    ऐसे रखें दिल का ख्याल

    • दिल को हेल्दी बनाए रखने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है। इसलिए हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट मीडियम इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज जरूर करें।
    • हेल्दी डाइट दिल को दुरुस्त बनाती है। इसलिए फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन को डाइट में शामिल करें।
    • प्रोसेस्ड फैट, शुगर और सोडियम को कम से कम डाइट का हिस्सा बनाएं।
    • ध्यान, योग और गहरी सांस लेने जैसी स्ट्रेस-फ्री टेकनीक से दिल को हेल्दी रखें।
    • नींद का दिल की सेहत पर गहरा असर पड़ता है। इसलिए रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।
    • स्मोकिंग छोड़ने से हार्ट डिजीज की संभावना कम होगी और आपकी पूरी सेहत में सुधार होगा।

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