किडनी खराब होने की आहट! पैरों में दिखते हैं ये 9 संकेत, इन्हें कभी न करें नजरअंदाज
किडनी हमारे शरीर से टॉक्सिन और एक्स्ट्रा तरल पदार्थ को बाहर निकालती है, लेकिन जब ये ठीक से काम नहीं करती, तो उसका असर पैरों पर भी दिखने लगता है। पैरों में सूजन, भारीपन, ऐंठन, झनझनाहट, सुन्नपन, जलन, त्वचा में खुजली या रंग बदलना, चलने में परेशानी और नाखूनों में बदलाव जैसे लक्षण किडनी की खराबी के संकेत हो सकते हैं। इन संकेतों को नजरंदाज करना गंभीर समस्या का कारण बन सकता है, इसलिए समय रहते जांच कराना बेहद जरूरी है।
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किडनी की खराबी के पैरों में दिखने वाले लक्षण (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। किडनी हमारे शरीर के सबसे अहम अंगों में से हैं, जो शरीर से टॉक्सिन, एक्स्ट्रा पानी और वेस्ट मैटेरियल को बाहर निकालने का काम करती हैं। इसके साथ ही किडनी ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने, खून को साफ रखने, हड्डियों को मजबूत बनाने और खून में मौजूद जरूरी मिनरल्स के संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करती है।
जब किडनी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है, तो इसका असर पूरे शरीर पर दिखाई देने लगता है। खासकर, पैरों में कुछ ऐसे लक्षण उभरने लगते हैं, जो इस अंग की गंभीर स्थिति की ओर संकेत करते हैं। इन संकेतों को नजरंदाज करना सेहत के लिए बहुत महंगा साबित हो सकता है। तो आइए विस्तार से जानते हैं ऐसे ही कुछ लक्षणों के बारे में, जो किडनी की खराबी की तरफ इशारा करते हैं।
पैरों में सूजन
जब किडनी नमक और पानी को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाती, तो ये शरीर में जमा होने लगते हैं, जिससे खासकर टखनों और पंजों में सूजन आ जाती है।
मसल्स क्रैंप्स
किडनी की खराबी इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन को बिगाड़ देती है। इससे कैल्शियम और फॉस्फोरस का लेवल गड़बड़ाने लगता है, जिससे पैरों में मरोड़ या ऐंठन की समस्या होती है।
पैरों में थकान और भारीपन
जब शरीर में टॉक्सिक पदार्थ जमा होने लगते हैं, तो पैरों में थकावट, भारीपन और सुस्ती महसूस होती है, जो आराम करने पर भी नहीं जाती।
झनझनाहट या सुन्नपन
किडनी डिजीज नसों को प्रभावित करता है, जिससे पैरों में झनझनाहट, सुन्नता या जलन जैसी संवेदनाएं महसूस होती हैं।
चलने में परेशानी
कमजोर मांसपेशियां और थकावट के कारण लंबे समय तक खड़े रहना या सीढ़ियां चढ़ना कठिन हो सकता है।
त्वचा पर खुजली और रूखापन
किडनी के ठीक से काम न करने पर स्किन में ड्राइनेस, खुजली और रैशेज हो सकते हैं, खासकर पैरों में।
पैरों की स्किन का रंग बदलना
शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ने से पैरों की त्वचा पीली, भूरी या मटमैली हो सकती है।
पैरों में जलन
किडनी फेलियर से जुड़ी न्यूरोपैथी के कारण पैरों में जलन, चुभन या असहज गर्माहट हो सकती है।
नाखूनों में बदलाव
पैरों के नाखून पीले पड़ना, सफेद धारी दिखना या उनका कमजोर होना किडनी की गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।
पैरों में ये लक्षण सामान्य नहीं हैं और अगर ये बार-बार या लगातार दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ये किडनी फेलियर की शुरुआती चेतावनी हो सकते हैं। समय पर जांच और इलाज से आप गंभीर स्थितियों से बच सकते हैं।
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