बढ़ती उम्र में भी यंग बनाए रखेगा विटामिन-डी, बस रोजाना लेनी होगी इतनी डोज
विटामिन-डी हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो हड्डियों को मजबूत करने और इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करता है। एक नई स्टडी के अनुसार विटामिन-डी एजिंग को रिवर्स करने में भी मददगार हो सकता है। आइए जानते हैं इस स्टडी के बारे में विस्तार से।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारे शरीर में मौजूद अलग-अलग तरह के पोषक तत्व सेहत को दुरुस्त करने और शरीर के सही विकास में मदद करते हैं। विटामिन-डी इन्हीं में से एक है, मजबूत हड्डियों और बेहतर इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी है। शरीर में इस विटामिन की कमी कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकती है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि विटामिन-डी हमारे लिए एक जरूरी पोषक तत्व है।
सेहत को फायदा पहुंचाने के साथ ही अब यह विटामिन आपकी खूबसूरती को भी बरकरार रखने में मदद कर सकता है। जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। हाल ही में सामने आई एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है। इस स्टडी में पता चला कि विटामिन-डी एजिंग को रिवर्स करने में मददगार साबित हो सकता है। आइए जानते हैं इस स्टडी में बारे में विस्तार से-
यहां पब्लिश हुई है स्टडी?
लंबे समय से रेटिनॉल को बढ़ती उम्र को रिवर्स करने के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन अब हार्वर्ड के शोधकर्ताओं ने अपने एक अध्ययन में यह साबित किया कि विटामिन डी की एक डेली डोज असल में डीएनए को संरक्षित करने और लोगों को बायोलॉजिकली तीन साल तक युवा बनाए रखने में मदद कर सकती है। यह अध्ययन अब अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में पब्लिश हुई है।
क्या कहती है स्टडी?
इस रिसर्च के दौरान शोधकर्ताओं ने VITAL नाम का एक परीक्षण किया, जिसमें 1,000 से ज्यादा वयस्कों पर चार वर्षों तक नजर रखी गई। इन लोगों को वैज्ञानिकों ने रोजाना लगभग 2,000 इंटरनेशनल यूनिट्स (IU) विटामिन D3 की डोज दी, जो सामान्य डेली डोज का लगभग तीन गुना ज्यादा, लेकिन इसकी मैक्सिमम डोज 4,000 IU से कम थी।
ऐसा करने पर सामने आए नतीजे काफी हैरान करने वाले थे। दरअसल, विटामिन D लेने वाले प्रतिभागियों में सप्लीमेंट न लेने वालों की तुलना में डीएनए डैमेज काफी कम देखा गया। आसान भाषा में कहें, तो सप्लीमेंट लेने वाले लोगों की उम्र बढ़ने के बाद भी वह अपनी उम्र से तीन साल यंग नजर आए।
कैसे एज रिवर्स करता है विटामिन-डी?
इस स्टडी पर मुख्य रूप से फोकस टेलोमीयर था, जो हमारे डीएनए के सिरों पर मौजूद सुरक्षा कवच होते हैं और उम्र बढ़ने के साथ छोटे होते जाते हैं। स्टडी में वैज्ञानिकों ने पाया कि जो लोग रोज विटामिन D3 ले रहे थे, उनके टेलोमीयर की लंबाई सप्लीमेंट न लेने वाले लोगों की तुलना में काफी बेहतर थी। रिसर्चर्स का मानना है कि टेलोमीयर को डैमेज से बचाने से बायोलॉजिकल एज को धीमा किया जा सकता है।
विटामिन डी का सुरक्षित उपयोग कैसे करें?
रिसर्च में सामने आए नतीजों के बावजूद एक्सपर्ट्स ने इसके ज्यादा इस्तेमाल को लेकर सावधान किया है। ज्यादातर वयस्कों को 600 से 800 IU लेने की सलाह दी जाती है, जबकि आमतौर पर इसकी रिकमेंडेड सेफ डोज 1000-2000 IU के बीच होती है। 4,000 IU से ज्यादा का सेवन हानिकारक हो सकता है, जिससे खून में कैल्शियम जमा हो सकता है, जिससे हाइपरकैल्सीमिया हो सकता है। हाइपरकैल्सीमिया से पीड़ित कुछ लोगों को मतली, किडनी की समस्या या कैल्शियम जमा होने का भी अनुभव हो सकता है।
Source:
- The American Journal of Clinical Nutrition: https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0002916525002552
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