मोटापा दिखे या न दिखे, दिल के पास जमी चर्बी से बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा; इग्नोर न करें 6 लक्षण
आजकल की खराब जीवनशैली और खानपान के कारण दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं। उन्हीं में से एक है पेरिकार्डियल फैट (Pericardial Fat)। इसमें दिल के आसपास चर्बी जमा हो जाती है। ये खतरनाक हो सकता है। ये चर्बी दिल के काम को प्रभावित करती है। कुछ हेल्दी आदतें अपनाकर इससे बचाव किया जा सकता है।

लाइफस्टरइल डेस्क, नई दिल्ली। आज के समय में लोगों के जीने का तरीका काफी बदल गया है। खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। अब ये समस्या सिर्फ बुजुर्गों में नहीं, बल्कि युवाओं में भी देखने को मिल रही है। आपको बता दें कि दिल हमारे शरीर का सबसे जरूरी हिस्सा है। अगर सही लाइफस्टाइल फॉलो न किया जाए तो दिल से जुड़ी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि दिल के आसपास चर्बी जमना आपके लिए जानलेवा हो सकता है? जी हां, शरीर के दूसरे हिस्सों की तरह दिल के पास भी फैट जमा होता है, जिसे पेरिकार्डियल फैट (Pericardial Fat) कहा जाता है। अगर ये चर्बी सामान्य से ज्यादा मात्रा में जमा हो जाए, तो ये दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती है। इस बीमारी के बारे में जानने के लिए हमने डॉ एलके झा (एसोसिएट डायरेक्टर एंड हेड यूनिट-II- कार्डियोलॉजी, एशियन हॉस्पिटल) से बातचीत की। उन्होंने इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी।
क्या है पेरिकार्डियल फैट?
डॉक्टर ने बताया कि पेरिकार्डियल फैट वो चर्बी होती है जो दिल को घेरे हुए होती है और उसे सदमे या आघात से बचाने में मदद करती है। लेकिन जब ये फैट जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है तो ये दिल को सही तरीके से काम नहीं करने देती है। उन्होंने बताया कि दिल के आसपास पैट जमने पर कुछ संकेत नजर आते हैं, जिन्हें पहचानना जरूरी हाेता है।
इन लक्षणों को न करें इग्नोर
- सीने में अक्सर भारीपन या हल्का दर्द
- सांस फूलना
- सीढ़ियां चढ़ते समय जल्दी थकना
- बिना किसी कारण थकान महसूस होना
- हाई ब्लड प्रेशर
- दिल की धड़कनों में गड़बड़ी
कमजोर हो जाती हैं दिल की मांसपेशियां
डॉ. एलके झा ने बताया कि पेट के आसपास की चर्बी जितनी खतरनाक है, उतनी ही दिल के आसपास की चर्बी भी है। दिल के आसपास फैट जमा होने पर दिल पर दबाव पड़ता है। इस कारण दिल की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। साथ ही दिल से जुड़ी कई बीमारियों का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है। ये कंडीशन डायबिटीज और मोटापे से जूझ रहे लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है।
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क्या हैं रिस्क फैक्टर?
- दिल की धमनियों में रुकावट पैदा हो सकती है।
- हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है।
- अनियमित धड़कनें।
- अचानक कार्डियक अरेस्ट का खतरा।
कैसे करें बचाव?
- नियमित रूप से वॉक और एक्सरसाइज करें
- हेल्दी डाइट लें
- ट्रांस फैट और प्रोसेस्ड फूड से बचें
- स्मोकिंग और एल्कोहल से बनाएं दूरी
- वजन मेंटेन करें
- हेल्थ चेकअप कराते रहें
इन बातों का रखें ध्यान
डॉक्टर ने बताया कि दिल की सेहत के लिए जरूरी है कि हम सिर्फ बाहरी मोटापे पर ध्यान न दें, बल्कि शरीर के अंदर जमा हो रही खतरनाक चर्बी पर भी नजर रखें। एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर हम इस चुपचाप बढ़ते खतरे को समय रहते मात दे सकते हैं।
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