विटामिन-डी सप्लीमेंट लेने के लिए दिन का सबसे अच्छा समय क्या है और किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी
विटामिन-डी की कमी ज्यादातर लोगों में देखने को मिलती है। इसकी कमी को दूर करना जरूरी है वरना सेहत को काफी नुकसान हो सकता है। इसकी कमी दूर करने का एक तरीका है सप्लीमेंट्स। हालांकि इसके बेहतर अब्जॉर्प्शन के लिए कुछ बातों (Best Time to Take Vitamin-D) का ध्यान रखना जरूरी है। आइए जानें इस बारे में।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। विटामिन-डी हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी विटामिन है, जो धूप से मिलता है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि ज्यादातर लोगों में इसकी कमी (Vitamin-D Deficiency) देखने को मिलती है। विटामिन-डी की कमी काफी खतरनाक साबित हो सकती है। इसके कारण हड्डियों में दर्द, कमजोर इम्युनिटी, जैसी कई परेशानियां हो सकती हैं।
इसलिए इसकी कमी से बचाव करना बेहद जरूरी है। विटामिन-डी की कमी दूर करने के लिए बाजार में कई सप्लीमेंट्स भी मिलते हैं। लेकिन इन दवाओं को लेने का सही समय (Right Time to Take Vitamin-D Supplements) और तरीका मालूम होना बेहद जरूरी है। आइए जानें विटामिन-डी के सप्लीमेंट्स लेने का सही समय क्या है और इसे लेने का सही तरीका क्या है।
विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेने का सही समय क्या है?
विटामिन-डी एक फैट सॉल्युबल विटामिन है। इसका मतलब है कि यह शरीर में फैट की मदद से अब्जॉर्ब होता है। इसलिए, इसे लेने का सबसे अच्छा समय सुबह ब्रेकफास्ट के बाद होता है। ध्यान रखें कि आप अपने ब्रेकफास्ट में हेल्दी फैट्स से भरपूर फूड्स को शामिल करें।
हालांकि, विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेने का कोई फिक्स समय नहीं है। लेकिन क्योंकि ब्रेकफास्ट दिन के सबसे बड़े मील्स में से एक होता है इसलिए इस समय विटामिन-डी लेने से अब्जॉर्प्शन आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, सुबह धूप में जाने से भी विटामिन-डी बढ़ाने में मदद मिलती है। कई लोग विटामिन-डी सप्लीमेंट को रात के समय भी लेते हैं, लेकिन यह कितना असरदार होता है, इस पर मिली-जुली रिपोर्ट्स सामने आती हैं।
और किन बातों का ध्यान रखें?
- डॉक्टर की सलाह है जरूरी- सबसे पहले और सबसे जरूरी कदम है ब्लड टेस्ट करवाना। डॉक्टर आपके ब्लड में विटामिन-डी के लेवल की जांच करेंगे और आपकी कमी के अनुसार ही सही खुराक देंगे। बिना जांच के हाई-डोज सप्लीमेंट लेना हानिकारक हो सकता है।
- खुराक- विटामिन-डी की खुराक आमतौर पर IU में होती है। एक सामान्य रख-रखाव के लिए 600-800 IU प्रतिदिन काफी हो सकता है, लेकिन ज्यादा कमी होने पर डॉक्टर शुरुआत में हफ्ते में एक बार इसकी डोज बढ़ा भी सकते हैं।
- मैग्नीशियम और विटामिन K2- विटामिन-डी का पूरा फायदा लेने के लिए मैग्नीशियम और विटामिन K2 का सही मात्रा में होना जरूरी है। मैग्नीशियम विटामिन-डी को एक्टिव करने में मदद करता है, जबकि विटामिन K2 यह तय करता है कि कैल्शियम हड्डियों में जाए न कि आर्टरीज में जमा हो।
- डोज स्किप न करें- विटामिन-डी की कमी को पूरा होने में कई हफ्तों या महीनों का समय लग सकता है। इसलिए तय की गई खुराक को नियमित रूप से लेते रहना जरूरी है।
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Source:
- Cleveland Clinic
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