आत्महत्या की बड़ी वजह है डिप्रेशन, इन लक्षणों से करें टीनएजर्स में इसकी पहचान
हर साल 10 सितंबर को World Suicide Prevention Day मनाया जाता है। आत्महत्या की एक बड़ी वजह डिप्रेशन है। वयस्कों की तुलना में टीनएजर्स में डिप्रेशन का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। हालांकि कुछ लक्षणों पर अगर ध्यान दिया जाए तो इसका पता लगा सकते हैं। आइए जानें टीनएजर्स में डिप्रेशन के लक्षण।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। टीनएज जीवन का एक ऐसा दौर है, जो इमोशनल उतार-चढ़ाव, शारीरिक बदलाव और सामाजिक दबावों से भरा होता है। इस उथल-पुथल भरे समय में सामान्य उदासी और डिप्रेशन (Teenage Depression) के बीच अंतर कर पाना माता-पिता के लिए अक्सर मुश्किल हो जाता है।
डिप्रेशन सिर्फ 'मूड स्विंग' नहीं है; यह एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जो किसी टीनएज के सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने के तरीके को प्रभावित करती है। कई बार ध्यान न देने के कारण या समय पर मदद न मिलने की वजह से टीनएज आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेते हैं। इसलिए World Suicide Prevention Day 2025 के मौके पर हम कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जो टीनएजर्स में डिप्रेशन का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।
भावनात्मक बदलाव
किसी टीनएज की इमोशनल कंडीशन में आने वाले बदलाव अक्सर सबसे पहले नजर आते हैं। इन पर ध्यान देने की जरूरत होती है-
- उदासी और निराशा की भावना- बिना किसी वजह के बार-बार रोना, लगातार उदास रहना, या भविष्य को लेकर नेगेटिव बातें करना।
- चिड़चिड़ापन और गुस्सा- छोटी-छोटी बातों पर भी तुरंत गुस्सा हो जाना, फ्रस्ट्रेशन महसूस करना, और मिजाज में लगातार बदलाव होना।
व्यवहारिक बदलाव
भावनात्मक उथल-पुथल का सीधा असर टीनएज के व्यवहार पर दिखाई देने लगता है। ये लक्षण अक्सर चिंताजनक होते हैं-
- एनर्जी में कमी और थकान- बिना किसी शारीरिक मेहनत के हमेशा थका-थका महसूस करना और सुस्त रहना।
- नींद और भूख में बदलाव- इनसोम्निया या फिर बहुत ज्यादा सोना। इसी तरह, भूख कम लगना और वजन घटना या फिर कम्फर्ट फूड की तरफ ज्यादा आकर्षित होना और वजन बढ़ना।
- शराब या नशीली दवाएं लेना- दर्द से भागने या भावनाओं को दबाने के लिए नशे का सहारा लेना एक खतरनाक संकेत है।
- बेचैनी या सुस्ती- बिना वजह घबराहट, हाथ मलना, बैचेनी महसूस करना या फिर बहुत धीरे-धीरे बोलना, चलना और काम करना।
- सोशल सेप्रेशन- अपने कमरे में अकेले रहना, दोस्तों और सामाजिक गतिविधियों से कट जाना।
- अकादमिक परफॉर्मेंस में गिरावट- अचानक पढ़ाई में मन न लगना, ग्रेड्स का गिरना, या स्कूल से बार-बार अनुपस्थित रहना।
- सफाई का ध्यान न रखना- रोजमर्रा की स्वच्छता जैसे नहाना, ब्रश करना या साफ कपड़े पहनने की आदतों में लापरवाही बरतना।
- जोखिम भरा व्यवहार- बिना सोचे-समझे गुस्से में आकर या रिस्की बिहेवियर में शामिल होना।
- सेल्फ हार्म और आत्महत्या की कोशिश- खुद को चोट पहुंचाना या आत्महत्या की कोशिश करना सबसे गंभीर चेतावनी के संकेत हैं जिन पर तुरंत कार्रवाई की जरूरत होती है।
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Source:
- Mayo Clinic
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