International Men's Day पर हर मर्द को खुद से करने चाहिए ये '3' जरूरी वादे, बदल जाएगी पूरी लाइफ
International Men's Day हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन पुरुषों की सेहत, समाज में उनके सकारात्मक योगदान और समानता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, लेकिन इस दिन हर पुरुष को एक पल रुककर, खुद से तीन सबसे जरूरी वादे करने चाहिए। ये वादे सिर्फ एक दिन के लिए नहीं, बल्कि पूरी जिंदगी के लिए आपकी सोच और जीवन को बदल सकते हैं।

International Men's Day: हर मर्द खुद से करे ये '3' वादे (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। 19 नवंबर के दिन दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Mens Day 2025) मनाया जाता है। बता दें, यह मौका है उस आंतरिक हीरो को जगाने का जो आपके भीतर छिपा है। जी हां, समाज ने पुरुषों पर बहुत-सी अदृश्य बेड़ियां डाल रखी हैं- जैसे अपनी भावनाएं छिपाना या अपनी सेहत को नजरअंदाज करना।
ऐसे में, अब समय आ गया है कि इन बेड़ियों को तोड़ दिया जाए। आइए जानें इस दिन आपको खुद से कौन-से तीन जरूरी वादे करने चाहिए, जो सिर्फ आपकी सोच ही नहीं, बल्कि पूरी जिंदगी को सही मायने में बदल देंगे।

"मैं अपनी फीलिंगस को छिपाऊंगा नहीं"
बचपन से ही पुरुषों को सिखाया जाता है कि "मर्द को दर्द नहीं होता"। इस एक वाक्य ने जाने-अनजाने में पुरुषों की मेंटल हेल्थ को बहुत नुकसान पहुंचाया है। जब पुरुष अपनी चिंता, दुख या तनाव को अंदर दबा लेते हैं, तो यह उन्हें अंदर से खोखला कर देता है।
स्ट्रॉन्ग होने का मतलब यह नहीं है कि आप कभी रोएं नहीं। मजबूत होने का मतलब है कि आप साहस के साथ अपनी भावनाओं को स्वीकार करें और किसी भरोसेमंद व्यक्ति से उन्हें शेयर करें। अपनी फीलिंग्स को बयां करना कमजोरी नहीं, बल्कि मानसिक शक्ति का प्रमाण है। इस वादे से आप एक हेल्दी और पीसफुल लाइफ की ओर पहला कदम बढ़ाएंगे।
"मैं खुद की देखभाल को प्राथमिकता दूंगा"
पुरुष अक्सर अपने परिवार, काम और जिम्मेदारियों के बीच खुद को नजरअंदाज कर देते हैं। वे अपनी सेहत (खासकर मेंटल हेल्थ और रेगुलर चेकअप) को टालते रहते हैं। उन्हें लगता है कि अपने बारे में सोचना स्वार्थ है, लेकिन खुद सोचिए कि अगर आप हेल्दी और एनर्जेटिक नहीं रहेंगे, तो आप दूसरों की देखभाल कैसे कर पाएंगे?
बनाएं एक नियम: हर दिन कम से कम 30 मिनट अपने लिए निकालें- चाहे वह एक्सरसाइज हो, कोई शौक पूरा करना हो या बस शांत बैठकर ध्यान करना हो। अपनी सेहत को गंभीरता से लें। जब आप खुद को हेल्दी रखेंगे, तभी आप अपनी फैमिली और काम के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरी क्षमता के साथ निभा पाएंगे। यह वादा आपकी लाइफ में नई पॉजिटिव एनर्जी भर देगा।
"मैं रूढ़िवादी सोच को तोडूंगा"
पुरुषों पर अक्सर समाज द्वारा बनाए गए रूढ़िवादी ढांचे में फिट होने का दबाव होता है- जैसे कि हमेशा 'स्ट्रॉन्ग' दिखना, घर के काम न करना या सिर्फ 'मर्दाना' शौक रखना। इन दबावों से बाहर निकलना जरूरी है। साथ ही, लैंगिक समानता का समर्थन करना भी हर पुरुष की जिम्मेदारी है।
बदलें सोच: अपने घर या वर्कप्लेस पर महिलाओं और अन्य लोगों के प्रति सम्मान और बराबरी का व्यवहार करें। घर के कामों में हाथ बंटाएं। अगर कोई पुरुष कोई ऐसा काम चुनता है जिसे 'गैर-मर्दाना' माना जाता है, तो उसका मजाक न उड़ाएं, बल्कि सपोर्ट करें। यह वादा आपको एक बेहतर इंसान बनाएगा और समाज में एक पॉजिटिव चेंज लाने में मदद करेगा।
इस इंटरनेशनल मेन्स डे पर, इन तीन वादों को सिर्फ सोचें नहीं, बल्कि आंख बंद करके अपना लें। यकीन मानिए, आपकी लाइफ में आया यह छोटा-सा बदलाव, आपको एक हैप्पी, हेल्दी और मजबूत व्यक्ति बनाएगा।
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