क्या है 'Silent Divorce'? इन 6 संकेतों से जानें कहीं आपका रिश्ता भी तो नहीं बढ़ रहा इस ओर
डिवोर्स के बारे में तो आप जानते ही होंगे। इसमें शादीशुदा जोड़ा कानूनी रूप से अपना रिश्ता खत्म करके अलग हो जाता है। लेकिन क्या आप साइलेंट डिवोर्स (Silent Divorce) के बारे में जानते हैं? साइलेंट डिवोर्स में कानूनी रूप से पति-पत्नी तलाक नहीं लेते फिर क्यों इसे साइलेंट डिवोर्स कहा जाता है। आइए जानें।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। रिश्तों में जब प्यार और समझदारी की जगह नाराजगी और दूरी ले लेती है, तो उसे "साइलेंट डिवोर्स" (Silent Divorce) कहा जाता है। यह एक ऐसी कंडिशन है, जहां कपल कानूनी तौर पर अलग नहीं होते, लेकिन भावनात्मक रूप से एक-दूसरे से कट चुके होते हैं। आइए और गहराई से जानते हैं कि साइलेंट डिवोर्स क्या है और किन संकेतों (Silent Divorce Signs) से इसे पहचाना जा सकता है।
साइलेंट डिवोर्स क्या है?
साइलेंट डिवोर्स तब होता है जब पति-पत्नी या पार्टनर्स के बीच इमोशनल जुड़ाव खत्म हो जाता है, लेकिन वे सोशल, फाइनेंशियल या बच्चों की वजह से साथ रहते हैं। यह रिश्ता बाहर से बिल्कुल नॉर्मल लग सकता है, लेकिन अंदर से खोखला हो चुका होता है। इसमें न तो ज्यादा लड़ाई-झगड़ा होता है और न ही प्यार भरा व्यवहार, बल्कि वे बिना एक-दूसरे की परवाह किए बस साथ रह रहे होते हैं।
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साइलेंट डिवोर्स के संकेत
अगर आपको लगता है कि आपके रिश्ते में पहले जैसा कनेक्शन नहीं रहा, तो इन संकेतों पर गौर करें-
आपस में बातचीत कम हो जाना
- पहले की तरह गहरी बातें न करना।
- केवल जरूरी चीजों (बच्चे, बिल, घर के काम) तक ही बात सीमित होना।
- फोन कॉल या मैसेज में भी एक्साइटमेंट की कमी।
इमोशनल दूरी बढ़ना
- एक-दूसरे की खुशी या दुख में भागीदार न बनना।
- साथ बैठकर भी अकेलापन महसूस होना।
- पार्टनर के साथ समय बिताने में कोई दिलचस्पी न होना।
फिजिकल कनेक्शन में कमी
- पहले के मुकाबले इंटिमेसी कम हो जाना।
- एक-दूसरे को छूने से भी बचना।
- रोमांटिक मूमेंट्स का खत्म हो जाना।
अलग-अलग जीवन जीना
- अलग-अलग सोशल सर्कल बना लेना।
- हॉबीज या दूसरी एक्टिविटीज में साथ न देना।
- छुट्टियां या समय अकेले या दोस्तों के साथ बिताना।
छोटी-छोटी बातों पर तनाव
- बिना किसी बड़ी वजह के चिड़चिड़ापन।
- छोटी गलतियों पर भी गुस्सा होना।
- एक-दूसरे को क्रिटिसाइज करना या अनदेखा करना।
फ्यूचर प्लानिंग में शामिल न करना
- करियर, घर या बच्चों से जुड़े फैसलों में सलाह न लेना।
- अगले 5-10 साल की प्लानिंग में पार्टनर को शामिल न करना।
साइलेंट डिवोर्स से कैसे बचें? (Relationship Tips)
अगर आपको इनमें से कुछ संकेत दिख रहे हैं, तो रिश्ते को बचाने के लिए ये कदम उठा सकते हैं-
- खुलकर बात करें- अपनी भावनाओं को शेयर करें और पार्टनर की बात सुनें।
- क्वालिटी टाइम दें- साथ में वक्त बिताएं, डेट प्लान करें या साथ में कोई नई हॉबी अपनाएं।
- काउंसलिंग लें- अगर खुद नहीं सुलझा पा रहे, तो रिलेशनशिप एक्सपर्ट की मदद लें।
- छोटी-छोटी चीजों की कदर करें- ग्रेटिट्यूड जताएं, छोटे-छोटे सरप्राइज देना जैसी आदतें रिश्ते को मजबूत करती हैं।
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