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    Women’s Day 2025: महिला शक्ति का अमर प्रतीक हैं 5 इमारतें, खूबसूरती निहारने दूर-दूर से आते हैं लोग

    Updated: Fri, 07 Mar 2025 08:51 PM (IST)

    हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day 2025) मनाया जाता है। यह दिन लैंगिक समानता प्रजनन अधिकार और महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। इस मौके पर आज हम आपको बताएंगे भारत में महिलाओं द्वारा बनाई गई 5 इमारतों के बारे में जो अपनी खूबसूरती की वजह से दुनियाभर में जाने जाते हैं।

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    महिलाओं ने बनवाई थीं ये इमारते (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दुनियाभर में भारत अपनी अनूठी संस्कृति और परंपरा के लिए जाना जाता है। यहां की कला और संस्कृति पूरी दुनिया से लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। अनेकता में एकता से भरे इस देश में कई सारी चीजें मशहूर हैं। यहां के खानपान से लेकर खूबसूरत इमारतों तक, भारत को नजदीक से देखने और जानने के लिए हर साल लाखों लोग यहां आते हैं।

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    ऐसे में महिला दिवस के मौके पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं देश की 5 ऐसी इमारतों के बारे में, जिन्हें देश की महिला शासकों ने बनवाया था। हालांकि, कम लोग ही इस बारे में जानते होंगे। आइए जानते हैं कौन-सी हैं ये 5 इमारतें-

    इतिमाद-उद-दौला, आगरा

    ताज महल का नाम तो हर किसी ने सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि आगरा में ही एक मिनी ताज महल भी है, जो इतिहास में एक खास जगह रखता है। इसे खास इसलिए माना जाता है, क्योंकि यह मकबरा एक बेटी की ओर से अपने पिता के लिए बनवाया गया था। सम्राट जहांगीर की पत्नी, महारानी नूरजहां ने 1622 और 1628 के बीच अपने पिता मीर गयास बेग के याद में इस बेहतरीन संगमरमर के मकबरे का निर्माण करवाया था।

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    हुमायूं का मकबरा, नई दिल्ली

    देश की राजधानी में कई ऐसी ऐतिहासिक इमारतें मौजूद हैं, जिनका दीदार करने दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। हुमायूं का मकबरा इन्हीं में से एक है, जिसे 1565 और 1572 के बीच बनवाया गया था। फारसी वास्तुकला के मिश्रण की मिसाल देते इस मकबरे को हुमायूं की पत्नी हामिदा बानू बेगम, जिन्हें हाजी बेगम के नाम से भी जाना जाता है, ने बनवाया था। यह देश का पहला उद्यान-मकबरा था और इसने एक नया चलन शुरू किया था। इस मकबरे में हुमायूं सहित कई मुगल शासकों के अवशेष रखे हुए हैं।

    विरुपाक्ष मंदिर, पट्टाडकल

    इस मंदिर को विक्रमादित्य द्वितीय पत्नी लोकमहादेवी ने 740 ई में अपने पति की पल्लवों पर विजय का जश्न मनाने के लिए बनवाया था। कर्नाटक के पट्टाडकल में मौजूद यह मंदिर

    द्रविड़ वास्तुकला का पहला खूबसूरत उदाहरण है। हालांकि, कई लोग इसमें और हम्पी में मौजूद विरुपाक्ष मंदिर में कन्फ्यूज हो जाते हैं, लेकिन यह मंदिर उससे भी पहले का है

    रानी की बाव, पाटन, गुजरात

    सोलंकी राजवंश के राजा भीमदेव पहली की रानी उदयमती ने गुजरात के पाटन में रानी की वाव का निर्माण करवाया था। यह बेहद खूबसूरत मंदिर है, जो अनोखी वास्तूकला के लिए जाना जाता है। इसे सन 1063 में बनवाया गया था। साल 2014 में, यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर घोषित करके इसके महत्व को और भी बढ़ा दिया। रानी की वाव वास्तुकला की चमक और पानी के प्रति श्रद्धा दोनों का एक प्रमाण है।

    लाल दरवाजा मस्जिद, जौनपुर

    जौनपुर में स्थित लाल दरवाजा मस्जिद का निर्माण सन 1447 में बीबी राजे ने करवाया था।

    बीबी राजे सुल्तान महमूद शर्की की रानी थी। यह मस्जिद संत सैय्यद अली दाऊद कुतुबुद्दीन को समर्पित थी। इस मस्जिद की डिजाइन और शैली ‘अटाला मस्जिद’ से काफी मिलती-जुलती है, जो इसके महत्व को बढ़ाते हैं।

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