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    जयपुर की आस्था और विरासत का प्रतीक है मोती डूंगरी गणेश मंदिर, सदियों पुराना है इतिहास

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 02:37 PM (IST)

    देशभर में कई गणेश मंदिर हैं जो अपनी महिमा के लिए जाने जाते हैं। इन्हीं में जयपुर में स्थित मोती डूंगरी गणेश मंदिर (Moti Dungri Ganesh Temple) भी शामिल है। इस मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है और जयपुर के लोगों की आस्था में खास महत्व रखता है। आइए जानें इस मंदिर की खासियत और यहां पहुंचने का रास्ता।

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    बेहद अद्भुत है मोती डूंगरी गणेश मंदिर (Picture Courtesy: Incredible India)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। जयपुर, जिसे पिंक सिटी के नाम से जाना जाता है, अपने ऐतिहासिक किलों, राजसी महलों और संस्कृति के लिए दुनियाभर में मशहूर है। इसी शहर में स्थित है मोती डूंगरी गणेश मंदिर (Moti Dungri Ganesh Temple), जो न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि शहर की आस्था और विरासत का प्रतीक भी है।

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    यह मंदिर जयपुर रेलवे स्टेशन से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहां पहुंचना काफी आसान है। आइए जानें इस मंदिर का इतिहास, यहां की खासियत और पहुंचने का आसान रास्ता।

    मंदिर का इतिहास 

    मोती डूंगरी गणेश मंदिर का नाम इसके पास स्थित मोती डूंगरी पैलेस से लिया गया है, जिसका मतलब है "मोती की पहाड़ी"। इस मंदिर का निर्माण 1761 में सेठ जय राम पालीवाल ने करवाया था। मंदिर से जुड़ी एक दिलचस्प किंवदंती है कि मेवाड़ के राजा एक विशाल भगवान गणेश की मूर्ति को बैलगाड़ी पर लौट रहे थे।

    उन्होंने संकल्प लिया कि जिस स्थान पर बैलगाड़ी पहली बार रुकेगी, उसी स्थान पर मंदिर का निर्माण करवाया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि दैवीय इच्छा से बैलगाड़ी मोती डूंगरी की तलहटी में रुकी और इस मंदिर का निर्माण हुआ।

    मंदिर की वास्तुकला 

    मंदिर की वास्तुकला बेहद अनोखी और कभी न भुलाने वाली है। मंदिर के गर्भगृह को तीन गुंबदों से सजाया गया है, जो इसकी भव्यता में चार चांद लगाते हैं। मंदिर के केंद्र में भगवान गणेश की विशाल मूर्ति स्थापित है, जिसकी सूंड बाईं ओर मुड़ी हुई है, जिसे शुभ माना जाता है। इस मूर्ति पर सिंदूर का लेप है, जो इसकी दिव्यता को और बढ़ाता है।

    मंदिर परिसर में भगवान गणेश के वाहन, मूषक की एक विशाल प्रतिमा भी स्थापित है। मंदिर की दीवारों पर बारीक नक्काशी और जाली का काम किया गया है, जो पौराणिक कथाओं को दर्शाता है और भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देता है।

    हर बुधवार को लगता है मेला

    मोती डूंगरी गणेश मंदिर जयपुर के सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन का केंद्र है। खासतौर से गणेश चतुर्थी, कृष्ण जन्माष्टमी, अन्नकूट और पौष बड़ा जैसे त्योहारों के दौरान, मंदिर का वातावरण और खुशहाल हो जाता है। इन अवसरों पर हजारों की संख्या में भक्त मंदिर में आकर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं।

    स्थानीय लोगों के लिए इस मंदिर का खास महत्व है। जयपुर में किसी भी शुभ काम की शुरुआत में सबसे पहले इस मंदिर में भगवान गणेश को निमंत्रण दिया जाता है। इसके अलावा नवविवाहित जोड़े अपने विवाह के बाद पहले दिन मंदिर में आकर भगवान का आशीर्वाद लेते हैं। हर बुधवार को मंदिर के बाहर एक विशाल मेला लगता है, जहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

    कैसे पहुंचें मोती डूंगरी गणेश मंदिर?

    मोती डूंगरी गणेश मंदिर जयपुर शहर के केंद्र में स्थित है, इसलिए यहां पहुंचना बहुत आसान है।

    हवाई जहाज से- सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो मंदिर से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से टैक्सी या ऑटो-रिक्शा लेकर आसानी से मंदिर पहुंचा जा सकता है।

    ट्रेन के जरिए- जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन मंदिर से सिर्फ 6 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते ही टैक्सी, ऑटो-रिक्शा या सिटी बस की सुविधा आसानी से मिल जाती है।

    सड़क के जरिए- जयपुर राष्ट्रीय राजमार्गों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। शहर के किसी भी कोने से ऑटो-रिक्शा, टैक्सी या बस से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।

    दर्शन का समय

    • सुबह 5:00 बजे से दोपहर 01:30 बजे तक।
    • शाम 04:30 बजे से रात 09:30 तक।

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