Bhopal Metro को पटरी पर उतरने में लगे 16 साल, 2009 में देखा सपना अब होगा साकार, 21 दिसंबर को लोकार्पण
भोपालवासियों का 16 साल पुराना सपना अब साकार होने जा रहा है। 21 दिसंबर को भोपाल मेट्रो का लोकार्पण होगा, जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की है। ऑर ...और पढ़ें

भोपाल मेट्रो पटरियों पर नियमित दौड़ने के लिए तैयार।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। राजधानीवासी जिस सपने के साकार होने का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, वह आखिरकार 21 दिसंबर को पूरा होने जा रहा है। जी हां, करीब 16 साल पहले यानी वर्ष 2009 में राजधानी में मेट्रो को चलाने की कल्पना की गई थी। इसके बाद परियोजना की घोषणा हुई। लंबी प्लानिंग के बाद 2016 में डीपीआर बनी और वर्ष 2018 में पहला वर्क आर्डर हुआ।
इस बीच कोविडकाल जैसे कई उतार-चढ़ाव के बाद भोपाल मेट्रो के चलने का आखिरकार सपना साकार हो रहा है। भोपाल मेट्रो का 21 दिसंबर 2025 को केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा लोकार्पण किया जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने एक्स पर भोपाल मेट्रो के लोकार्पण की घोषणा कर दी है।
आरेंज लाइन के एम्स से सुभाष नगर प्रायोरिटी कारिडोर का लोकार्पण किया जाएगा। लोकार्पण कार्यक्रम संभवत: सुभाष नगर मेट्रो डिपो में आयोजित होगा। मेट्रो के अधिकारियों का कहना है कि कार्यक्रम स्थल सीएम से बात करने के बाद फाइनल करेंगे। प्रायोरिटी कारिडोर पर लोकार्पण की तैयारियां पूरी हैं। शेष काम अगले 12 दिनों में पूरे कर लिए जाएंगे।
आइए जानें अपनी मेट्रो के बारे में
ऑरेंज लाइन - एम्स से करोंद
30.95 किलोमीटर कुल लंबाई
30 मेट्रो स्टेशन बनेंगे
प्रायोरिटी कारिडोर : एम्स से सुभाष नगर
7.5 किलोमीटर कुल लंबाई।
08 मेट्रो स्टेशन।
प्रायोरिटी कारिडोर के स्टेशन
एम्स, अलकापुरी, डीआरएम आफिस, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, एमपी नगर, बोर्ड आफिस चौराहा, केंद्रीय विद्यालय, सुभाष नगर।
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ट्रेन सेट की संख्या (रोलिंग स्टाक)
आरेंज लाइन- 14, ब्लू लाइन - 13
- तीन कार ट्रेन सेट के साथ प्रारंभिक संचालन।
-भविष्य में छह कार ट्रेन सेट संचालित होंगे।
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विश्वस्तरीय संचालन ग्रेड4 मेट्रो की एक नजर में विशेषताएं
- 07 लाख प्रतिदिन परिवहन क्षमता।
- 80 किलोमीटर प्रतिघंटा रफ्तार।
- दो स्तरीय स्टेशन : कान्कोर्स और प्लेटफार्म स्तर
- यात्रियों के लिए सीढ़ी, लिफ्ट व एक्सेलेटर
- हर पांच मिनट के अंतराल पर ट्रेन चलाने की क्षमता।
- एआई बेस्ड सीसीटीवी कैमरे।
- कोच 22 मीटर लंबा और 2.9 मीटर चौड़ा।
- वजन लगभग 42 टन।
- वातानुकूलित कोच।
- बिजली के तारों के जाल से शहर को मुक्ति।
- ब्रेकिंग में ऊर्जा पुन: उत्पादन।
-अत्याधुनिक अग्निशमन प्रणाली।
- कोच में स्मार्ट लाइट सिस्टम।
- नेशनल कामन मोबिलिटी कार्ड पर स्वचालित टिकटिंग।
- दिव्यांग व्यक्तियों के लिए स्वचालित दरवाजे।
- स्टेशन पर शौचालय आदि की सुविधा।
- स्टेशन पर कस्टमरकेयर सेटर।
2023 में हुआ था पहला ट्रायल रन
ऑरेंज लाइन के पहले चरण में एम्स से सुभाष नगर कहे जाने वाले प्रायोरिटी कारिडोर का अक्टूबर 2023 में पहला ट्रायल रन हुआ था। इसके बाद दूसरा ट्रायल रन 18 सितंबर 2024 में हुआ। 2025 में कई ट्रायल रन हुए। सितंबर 2024 का ट्रायल रन सबसे महत्वपूर्ण था।
सीएमआरएस ने तीन बार की जांच
कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) की टीम ने भोपाल मेट्रो के प्रायोरिटी कारिडोर (सुभाष नगर से एम्स) का तीन बार जांच की। जिसमें नवंबर 2025 में 12 से 15 तारीख तक अंतिम निरीक्षण किया। जिसमें डिपो, ट्रैक, सिग्नलिंग, ट्रेन और सभी स्टेशनों की बारीकी से जांच की गई और इसके बाद कमर्शियल संचालन के लिए ओके टू रन रिपोर्ट (ग्रीन सिग्नल) दे दिया है।
कोविड के कारण मेट्रो पर लगा था ब्रेक
कोविड-19 (कोरोना) के कारण भोपाल मेट्रो के काम पर ब्रेक लगा था। जिससे परियोजना में देरी हुई। वर्ष 2021 से प्रोजेक्ट के काम में तेजी लाई गई, लेकिन तय समय सीमा 2023 में प्रोजेक्ट का काम पूरा नहीं हुआ।

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