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    बिहार के नतीजों पर दिग्विजय बोले- 'ये नॉर्थ कोरिया, चीन, रूस के चुनावों जैसे... सारे वोट एक ही पार्टी को!'

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 06:32 PM (IST)

    कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बिहार चुनाव परिणामों पर सवाल उठाते हुए इसे नॉर्थ कोरिया, चीन और रूस जैसे देशों के चुनावों के समान बताया है, जहाँ सारे वोट एक ही पार्टी को जाते हैं। उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर संदेह व्यक्त किया और ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न उठाया। दिग्विजय सिंह ने विपक्ष को एकजुट होकर सरकार की नीतियों का विरोध करने का आह्वान किया। उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आई हैं।

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    कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह।

    डिजिटल डेस्क, भोपाल। बिहार के विधानसभा चुनावों में एनडीए को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद विपक्षी खेमे में बौखलाहट है। विपक्ष के नेता अब भी इस करारी हार को पचा नहीं पा रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने बिहार चुनाव के नतीजों को लेकर सवाल उठाते हुए सत्ताधारी गठबंधन के साथ-साथ चुनाव आयोग को भी कठघरे में खड़ा किया।

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    दिग्विजय ने कहा कि ऐसे नतीजे तो नार्थ कोरिया और रूस, चीन जैसे देशों में आते हैं, जहां एक ही पार्टी को सारे वोट मिल जाते हैं। दिग्विजय अपने गृहनगर राघौगढ़ के आवन गांव के वाचस्पति संस्कृत विद्यालय में आयोजित त्रिदिवसीय क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन एवं चतुर्वेद पारायणम् कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे, जहां उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान यह बात कही।

    SIR को लेकर भी भड़के

    दिग्विजय ने कहा कि बिहार चुनाव में 62 लाख वोट कटे और 20 लाख वोट जुड़े। किसके वोट कटे और किसके वोट जुड़े, चुनाव आयोग ने इसकी जानकारी हमें नहीं दी। उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर भी सवाल उठाया और कहा कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है, लेकिन अब मतदाताओं पर भार डाल दिया गया है। फार्म भरो, पिता, दादा का प्रमाण लाओ, जिसने मैट्रिक पास नहीं की, वह कहां से प्रमाण लाए।

    उन्होंने SIR की प्रक्रिया में आधार को मान्यता न देने पर कहा पासपोर्ट और बैंक खाता का काम आधार से हो जाता है, तो मतदाता सूची में आधार क्यों नहीं। 11 दस्तावेज मान लिए, पर आधार नहीं रखा। उन्होंने कहा कि ईवीएम और मतगणना की पारदर्शिता सबसे जरूरी है। एसआईआर पर उन्होंने कहा कि अब सभी विपक्षी दल को मिलकर निर्णय लेना होगा।