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    MP Assembly Session: फसल मुआवजे को लेकर विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, सीएम बोले- रोने-धोने से कुछ नहीं होगा, सुनने की आदत डालें

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 03:36 PM (IST)

    मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र में फसल मुआवजे को लेकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने मुआवजा न मिलने पर सरकार को घेरा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ...और पढ़ें

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    डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र विधानसभा सत्र के तीसरे दिन सदन में प्रश्नकाल के दौरान गुरुवार को उस समय हंगामा हो गया, जब किसानों के फसल क्षति का मुआवजा नहीं मिलने को लेकर कांग्रेस के सदस्य सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए पलटवार करते हुए कहा कि यह भाजपा की किसान हितैषी सरकार है, जिसने जनहानि पर 50 हजार की जगह चार लाख रुपये, प्रति हेक्टेयर क्षति पर तीन हजार के स्थान पर 16 हजार रुपये दे रही है।

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    जब कांग्रेस के सदस्य विरोध करने लगे तो उन्होंने विपक्ष को हिदायत देते हुए कहा कि सुनने की आदत डालनी होगी, रोने-धोने से कुछ नहीं होगा। कांग्रेस के सदस्य आसंदी के सामने आकर नारेबाजी करने लगे और कुछ देर बाद बहिर्गमन कर दिया।

    मुआवजे को लेकर उठाया सवाल

    प्रश्नकाल में श्योपुर से कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद किसानों को 16 हजार रुपये की राशि अब तक नहीं मिलने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि सरकार ने स्वीकार किया है कि 428 गांवों के 98,611 किसानों की 99,529 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई लेकिन मुआवजा अब तक नहीं मिला। बिजली बिल और ऋण माफी भी नहीं हुई।

    इसका जवाब राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने देते हुए कहा कि राशि का वितरण हो गया है। इस पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आपत्ति ली और कहा कि असत्य कथन किया जा रहा है। विधायक कह रहे हैं कि राशि किसी के खाते में नहीं आई। पांच हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और 200 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं।

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    सीएम ने किया पलटवार

    इस पर मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि धान के नुकसान पर 50 से 75 प्रतिशत क्षति मानकर चार गुना मुआवजा हमारी सरकार ने दिया है। कांग्रेस की सरकार में तीन हजार रुपये हेक्टेयर मुआवजा दिया जाता था, हमने 16 हजार रुपये दिया। जनहानि पर राहत राशि 50 हजार से बढ़ाकर चार लाख रुपये दी।

    इस पर हंगामा हो गया। कांग्रेस के सदस्य ने विरोध करते हुए आसंदी के सामने आकर नारेबाजी करने लगे तो मुख्यमंत्री का इशारा पाते ही सत्तापक्ष के सभी सदस्य भी अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर प्रतिकार करने लगे। कुछ देर बाद कांग्रेस के सदस्यों ने बहिर्गमन कर दिया।