MP में महिलाओं-बच्चों के विरुद्ध साइबर यौन अपराधों पर नकेल, फर्जी वेबसाइट बनाने वालों पर होगी कार्रवाई
मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर यौन अपराधों पर नकेल कसने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। फर्जी वेबसाइट बनाने वालों व यूजर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साइबर पुलिस मुख्यालय इन अपराधों पर निगरानी रखेगा और अपराधियों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाएगा, जिससे राज्य में साइबर अपराधों को कम किया जा सके।

साइबर क्राइम (सांकेतिक चित्र)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंटरनेट मीडिया पर फर्जी आइडी बनाकर महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध साइबर यौन अपराध वाले फोटो-वीडियो या अश्लील सामग्री अपलोड करने के मामले में पुलिस अब वेबसाइट बनाने और उपयोग करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। इनके विरुद्ध भी एफआइआर दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर केंद्र सरकार की भी मदद ली जाएगी। फिलहाल इन वेबसाइट्स को ब्लाक करा दिया गया है।
गंदे काम का धंधा
राज्य साइबर मुख्यालय ने अभी ऐसी 25 वेबसाइट चिह्नित की हैं। कुछ और मामलों की जांच चल रही है, जिससे इनकी संख्या बढ़ सकती है। जांच में सामने आया है कि वेबसाइट बनाने और उपयोग करने वाले इनसे अच्छी कमाई कर रहे हैं। व्यक्तिगत स्तर पर भी लोग इन वेबसाइटों पर महिलाओं और बच्चों के अश्लील फोटो, वीडियो या अन्य सामग्री अपलोड कर रहे हैं। साथ ही कुछ लोगों ने ऐसी सामग्री डाउनलोड कर उसे प्रसारित करने को धंधा बना लिया है।
आईपी एड्रेस से होगी पहचान
राज्य साइबर मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि आइपी एड्रेस के आधार पर पहचान करेंगे कि वेबसाइट का उपयोग कब और कहां-कहां किया गया है। साइबर मुख्यालय के एसपी प्रणय नागवंशी ने बताया कि इसके आधार पर मध्य प्रदेश में उपयोग करने वालों के विरुद्ध यहां की पुलिस एफआइआर व अन्य वैधानिक कार्रवाई करेगी। दूसरे राज्यों में उपयोग होने की स्थिति में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (आई-4सी) को जानकारी साझा की जाएगी, जिससे उन राज्यों में आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई हो सके।
'आपरेशन नयन' से कसा शिकंजा
बता दें, मध्य प्रदेश साइबर मुख्यालय ने महिलाओं-बच्चों के विरुद्ध साइबर यौन अपराध करने वालों को पकड़ने के लिए 10 अक्टूबर से छह नवंबर तक 'आपरेशन नयन' चलाया था, जिसमें जनवरी, 2024 से अब तक आईं 833 शिकायतों की जांच में 50 में एफआइआर दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।
देश में पहली बार इस तरह का अभियान चलाया गया। अपराध में उपयोग 65 इंटरनेट मीडिया यूआरएल, 45 ई-मेल आइडी, 60 मोबाइल नंबरों की पहचान कर ब्लाक कराया गया है। मामले में भोपाल, सतना, छतरपुर, विदिशा, अनूपपुर, शाजापुर, शहडोल, मऊगंज और पांढुर्णा में विभिन्न धाराओं के अंतर्गत एफआइआर दर्ज कराई गई हैं।
इन जिलों में ज्यादा मामले
साइबर यौन अपराध की शिकायतों में इंदौर, भोपाल, रीवा, सतना, सागर, ग्वालियर, विदिशा, खरगोन, मुरैना और जबलपुर जैसे जिले अग्रणी हैं।
यहां कर सकते हैं शिकायत
-राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930
- एकीकृत हेल्पलाइन नंबर 112
- https://cybercrime.gov.in

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