Toxic Cough Syrup: 'कोल्ड्रिफ' के दुष्प्रभाव से बच तो गए तीन मासूम, पर जीवनभर झेलनी होगी बीमारी की पीड़ा
छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और बैतूल में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से 24 बच्चों की दुखद मौत के बीच, नागपुर में भर्ती चार बच्चों में से तीन को बचा लिया गया है। हालांकि, कोल्ड्रिफ में जहरीले तत्व के कारण इन बच्चों को जीवनभर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि तंत्रिका तंत्र और किडनी फंक्शन का प्रभावित होना। सरकार ने इलाज का खर्च वहन किया और तीन बच्चे स्वस्थ होकर घर लौट गए।

कफ सीरप (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। विषाक्त कफ सीरप कोल्ड्रिफ के सेवन से छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और बैतूल जिले के 24 मासूम बच्चों की किडनी फेल होने और मौत की दुखद घटना के बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है। नागपुर के अस्पतालों में भर्ती चार गंभीर रूप से बीमार बच्चों में से तीन को डॉक्टरों ने समय रहते बचा लिया, जबकि एक मासूम वेदांश अब भी जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है।
हालांकि बच्चों की जान बच गई है, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार, यह राहत अधूरी है। कोल्ड्रिफ कफ सिरप में मिले जहरीले तत्व डायथिलीन ग्लायकॉल (DEG) के प्रभाव से बचाए गए बच्चों को अब जीवनभर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कई अंगों पर बुरा असर
विशेषज्ञों का कहना है कि इन बच्चों का तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) और किडनी फंक्शन प्रभावित हो चुका है, जिससे आगे चलकर कमजोरी, विकास रुकना और डायलिसिस की जरूरत जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
जानकारी के अनुसार, नागपुर के पांच अस्पतालों में बच्चों का इलाज हुआ, जिसका पूरा खर्च सरकार ने वहन किया। इनमें से तीन बच्चों को स्वस्थ घोषित कर घर वापस भेज दिया गया है।
साक्ष्य मिटाने की आरोपित ज्योति सोनी की जमानत खारिज
उधर, जहरीले कफ सीरप कोल्ड्रिफ के मामले में मुख्य आरोपित डा. प्रवीण सोनी की पत्नी ज्योति सोनी की जमानत याचिका मंगलवार को अतिरिक्त सत्र न्यायालय परासिया से खारिज हो गई है। ज्योति सोनी को साक्ष्य मिटाने के आरोप में सह आरोपित बनाया गया है। उस पर कफ सीरप की 66 बोतलें गायब करने का संदेह है।

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