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    Union Carbide Waste: 'पीथमपुर में 27 फरवरी से जलाया जाएगा यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा', MP हाई कोर्ट ने दिया आदेश

    Updated: Tue, 18 Feb 2025 04:09 PM (IST)

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पीथमपुर में 340 टन यूनियन कार्बाइड जहरीले कचरे को जलाने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल रन के तौर पर कचरा जलाया जाएगा। अदालत के आदेश के अनुसार राज्य सरकार को परीक्षण के दौरान इस कचरे के संभावित पर्यावरणीय और स्थानीय प्रभावों का आकलन करने की आवश्यकता है। जनवरी 2025 में कचरा पीथमपुर पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया था।

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    Union Carbide Waste: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का आदेश- 27 फरवरी से जलाया जाएगा यूनियन कार्बाइड का कचरा।(फोटो सोर्स: नई दुनिया)

    जेएनएन, भोपाल। मध्यप्रदेश के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने के मामले पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने पीथमपुर में 340 टन यूनियन कार्बाइड जहरीले कचरे को जलाने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि यह एक ट्रायल रन  के तौर किया जाएगा।

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    कोर्ट ने कहा कि 27 फरवरी को पहले चरण में 10 मीट्रिक टन कचरा जलाया जाए। इसके बाद इसी मात्रा के दो दौर यानी कुल तीन प्रारंभिक चरण पूर्ण किए जाएं। इस प्रक्रिया में प्रदूषण नियंत्रण मंडल सहित अन्य की गाइडलाइन का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जाए।

    पीथमपुर के तारपुरा गांव में रखा है कचरा

    उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेशों का पालन करने और 27 मार्च तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। यह खतरनाक कचरा वर्तमान में इंदौर के पास पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के तारपुरा गांव में एक निजी सुविधा में रखा गया है।

    इससे पहले, यह पिछले 40 वर्षों से भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की बंद इकाई में पड़ा हुआ था जब 2-3 दिसंबर, 1984 की मध्यरात्रि को त्रासदी हुई थी। दुनिया की अब तक की सबसे भीषण औद्योगिक आपदा ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली थी और हजारों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

    ट्रायल रन के दौरान इन नियमों का करना होगा पालन 

    सरकारी सूत्रों के अनुसार, ट्रायल रन में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की शर्तों के अनुपालन में विभिन्न फ़ीड दरों, जैसे 90 किलोग्राम/घंटा, 135 किलोग्राम/घंटा, 180 किलोग्राम/घंटा, या 270 किलोग्राम/घंटा पर इस जहरीले कचरे के एक हिस्से का निपटान शामिल होगा। सूत्रों ने बताया कि प्रत्येक ट्रायल रन में तीन से चार दिन लगेंगे।

    अदालत के आदेश के अनुसार, राज्य सरकार को परीक्षण के दौरान इस कचरे के संभावित पर्यावरणीय और स्थानीय प्रभावों का आकलन करने की आवश्यकता है। 3 दिसंबर, 2024 को जारी अदालत के आदेश के अनुसार, राज्य सरकार ने अदालत को सूचित किया कि 1 जनवरी, 2025 की रात को कचरे को 12 अग्निरोधक और रिसावरोधी कंटेनरों में सुरक्षित रूप से लोड किया गया था।

    बता दें कि जनवरी 2025 में कचरा पीथमपुर पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया था। इसके बाद कचरा जलाना तो दूर कंटेनरों से बाहर ही नहीं निकाला गया था।

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