बेटिंग एप मामले में इंदौर से भागे सटोरिये झांसी में गिरफ्तार, डिब्बा कारोबार के नाम पर चल रहा था गोरखधंधा
इंदौर पुलिस ने बेटिंग ऐप मामले में फरार दो आरोपियों को झांसी से गिरफ्तार किया है, जो डिब्बा कारोबार चला रहे थे। पुलिस ने उषागंज में छापा मारकर 'वरुण ऑनलाइन हब' के माध्यम से सट्टा चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। मौके से मोबाइल, कंप्यूटर, नकदी और अन्य सामग्री जब्त की गई। गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को छुड़ाने के लिए पुलिस पर दबाव भी बनाया गया।

दो आरोपियों को किया गिरफ्तार (सांकेतिक चित्र)
डिजिटल डेस्क, इंदौर। पुलिस की अपराध शाखा ने बेटिंग एप मामले में फरार दो आरोपितों को झांसी (उप्र) से पकड़ा है। आरोपित डिब्बा कारोबार संचालित कर रहे थे। इस मामले में पुलिस दस अन्य आरोपितों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी। आरोपितों को छोड़ने के लिए पुलिस अफसरों ने खूब दबाव बनाया। लैपटाप और मोबाइल जब्ती भी रोकने का प्रयास किया।
चला रहे थे आनलाइन सट्टा
डीसीपी (अपराध) राजेश कुमार त्रिपाठी के अनुसार पुलिस ने 4 मार्च को उषागंज (छावनी) में छापा मारकर आरोपित हिमांशु खंडेलवाल, रवींद्र गौतम, विवेक कुमार, अमित कुमार मंडल, कृष्णा कुमार, कन्हैया पांडे, निखिल खंडेलवाल, लक्की चौहान उर्फ अभिजीत, राकेश जैन और विकास बंसल को गिरफ्तार किया था। आरोपित दूसरी मंजिल स्थित फ्लैट में बैठकर बेटिंग एप वरुण आनलाइन हब के माध्यम से आनलाइन सट्टे का व्यवसाय कर रहे थे।
आरोपितों ने सैकड़ों लोगों को आइडी बनाकर दे दी थी। पुलिस ने मौके से 29 मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटाप, चेकबुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, साढ़े छह लाख कैश और कार जब्त की थी। पुलिस ने फरार आरोपित हर्षवर्धन अग्रवाल उर्फ हैप्पी और विकास साहू निवासी झांसी को दबिश देकर पकड़ा। पुलिस को दोनों आरोपितों की झांसी की लोकेशन मिली थी। छापा मारा तो डिब्बा कारोबार करते हुए मिले।
धरपकड़ से हड़कंप
पुलिस की इस दबिश से अफसर और नेताओं में हड़कंप मच गया और आरोपितों को छोड़ने के लिए दबाव बनाया गया। एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने पूछताछ की और जब्त सामान कोतवाली (झांसी) पुलिस के सुपुर्द करवा दिया। पुलिस अफसरों ने तो आरोपितों को थाने से जमानत देने की पैरवी भी की।

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